Rajasthan New Expressway: राजस्थान में सड़कों के विकास की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है। जालोर से झालावाड़ तक बनने वाला ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे, राज्य की संरचना और विकास की तस्वीर को नया आयाम देगा। यह परियोजना न केवल राजस्थान के दो महत्वपूर्ण जिलों को जोड़ेगी, बल्कि राज्य के पश्चिमी और दक्षिण-पूर्वी हिस्सों के बीच की दूरी और समय को भी काफी हद तक घटा देगी। यह एक्सप्रेसवे जहां एक ओर लोगों के जीवन को आसान बनाएगा, वहीं दूसरी ओर व्यापार, कृषि, पर्यटन, रोजगार और सामाजिक समानता को भी मजबूती से बढ़ावा देगा।
जालोर से झालावाड़ तक 402 किमी का हाईवे
इस प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की लंबाई लगभग 402 किलोमीटर होगी। यह एक्सप्रेसवे राजस्थान के पश्चिमी हिस्से (जालोर) को दक्षिण-पूर्वी हिस्से (झालावाड़) से जोड़ेगा।
इसका सीधा फायदा यह होगा कि अब इन दो जिलों के बीच का सफर कई घंटों की बजाय कुछ ही घंटों में तय किया जा सकेगा। इससे ना केवल आवागमन तेज और सुविधाजनक होगा, बल्कि परिवहन लागत भी कम होगी।
कृषि व्यापार और उद्योग को मिलेगा सीधा फायदा
यह एक्सप्रेसवे राजस्थान के कृषक समुदाय और लघु उद्योगों के लिए वरदान साबित होगा।
- जालोर के मसाले, मार्बल और कृषि उत्पाद अब देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचाना आसान होगा।
- झालावाड़ के संतरे, अनार और हस्तशिल्प को भी नया बाजार मिलेगा।
- एक्सप्रेसवे बनने के बाद ट्रांसपोर्ट नेटवर्क मजबूत होगा जिससे व्यापारी और किसान अपने उत्पाद जल्दी और कम लागत में बेच सकेंगे।
रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे
इस परियोजना से जुड़े निर्माण कार्यों में स्थानीय ठेकेदारों, इंजीनियरों और मजदूरों को बड़ा लाभ मिलेगा।
- सड़क निर्माण के दौरान हजारों लोगों को अस्थायी रोजगार मिलेगा।
- एक्सप्रेसवे के इर्द-गिर्द धाबा, ढाबा, पेट्रोल पंप, लॉजिस्टिक्स हब, गोदाम और होटल जैसे नए व्यावसायिक केंद्र विकसित होंगे।
- इसके अलावा लंबे समय में छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
अलग-अलग संस्कृतियों को जोड़ेगा यह एक्सप्रेसवे
इस परियोजना की खास बात यह है कि यह न केवल भौगोलिक दूरी को कम करेगा, बल्कि सांस्कृतिक दूरियों को भी नजदीक लाएगा।
- जालोर क्षेत्र, जहां सामाजिक और राजनीतिक हिंसा की घटनाएं अधिक रही हैं, वहां से यह सड़क शुरु होगी।
- जबकि झालावाड़, हाड़ौती का शांत और सांस्कृतिक क्षेत्र है।
- यह एक्सप्रेसवे इन दोनों क्षेत्रों को आर्थिक ही नहीं, सांस्कृतिक रूप से भी जोड़ने में मदद करेगा।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा मेवाड़ तक बढ़ेगी पहुंच
यह एक्सप्रेसवे सीधे मेवाड़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे उदयपुर और चित्तौड़गढ़ को जोड़ने का काम करेगा। इससे:
- पर्यटकों को इन स्थलों तक पहुंचने में कम समय और कम खर्च लगेगा।
- राजस्थान पर्यटन को नई दिशा मिलेगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में और तेजी आएगी।
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे पर्यावरण के अनुकूल विकास
इस परियोजना को ग्रीन फील्ड श्रेणी में रखा गया है, जिसका मतलब है कि यह नई जमीन पर, पर्यावरणीय संतुलन का ध्यान रखते हुए बनाई जाएगी।
- सड़क के दोनों किनारों पर पौधारोपण किया जाएगा, जिससे हरियाली बढ़ेगी।
- कम से कम वनों की कटाई और ऊर्जा-कुशल निर्माण तकनीक अपनाई जाएगी।
- यह सड़क प्रदूषण को कम करने वाले वाहनों के अनुकूल बनाई जाएगी।
मध्यप्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों को भी मिलेगा फायदा
भले ही यह परियोजना राजस्थान के दो जिलों के लिए प्रस्तावित है, लेकिन इसका लाभ मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे पड़ोसी राज्यों को भी मिलेगा।
- मालवांचल और हाड़ौती के व्यापारी इस मार्ग के जरिए राजस्थान के पश्चिमी हिस्से तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
- इंटरस्टेट ट्रैफिक को नई दिशा मिलेगी, जिससे पूरे क्षेत्र में व्यापार और आवागमन की स्थिति बेहतर होगी।
स्थानीय उम्मीदें और सरकार की प्राथमिकता
हालांकि अभी इस परियोजना की फाइनल रूट प्लानिंग जारी नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों में इसके प्रति उत्साह और आशाएं बढ़ती जा रही हैं।
- राज्य सरकार इस योजना को प्राथमिकता दे रही है।
- इसके लिए टेक्निकल सर्वे और भू-अधिग्रहण जैसे काम जल्द शुरू हो सकते हैं।
- उम्मीद की जा रही है कि इसका निर्माण कार्य 2025 की पहली छमाही में शुरू हो जाएगा।
राजस्थान के भविष्य की रफ्तार को देगा नया आयाम
जालोर-झालावाड़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे राजस्थान के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की धुरी बन सकता है। यह सड़क केवल दो जिलों को नहीं, बल्कि राज्य को देश की मुख्यधारा से और बेहतर तरीके से जोड़ने का काम करेगी। यह परियोजना रोजगार, व्यापार, पर्यटन और पर्यावरण, हर मोर्चे पर एक मजबूत परिवर्तन लाने का वादा करती है।