UP New Railway Line: उत्तर प्रदेश में रेलवे बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने और क्षेत्रीय विकास को गति देने की दिशा में एक बड़ी पहल की जा रही है। राज्य सरकार और भारतीय रेलवे मिलकर अब एक नई 240 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी में हैं, जो बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, उतरौला और खलीलाबाद जिलों को जोड़ेगी। यह परियोजना ना सिर्फ यात्री परिवहन को आसान बनाएगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी।
क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूती देने की योजना
उत्तर प्रदेश सरकार लगातार कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। बहराइच से खलीलाबाद तक प्रस्तावित यह रेल लिंक रूट राज्य के पूर्वी जिलों को एक नया जीवन देगा। यह रूट खासतौर पर श्रावस्ती, बलरामपुर जैसे पिछड़े और सीमावर्ती जिलों के लिए विकास की नई राह खोलेगा। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी है।
240 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन तीन चरणों में होगा निर्माण
इस परियोजना के तहत रेलवे लाइन तीन भागों में बनाई जाएगी:
- बहराइच से श्रावस्ती तक (80 किलोमीटर)
इस खंड के लिए 620 करोड़ रुपये का बजट पास हो चुका है।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है। - श्रावस्ती से बलरामपुर और उतरौला तक
इसमें कई नई बस्तियों को रेल सेवा से जोड़ा जाएगा। - उतरौला से खलीलाबाद तक
यह खंड गोरखपुर रेलमार्ग से जुड़कर पूरे पूर्वांचल की रीढ़ बनेगा।
रेलवे स्टेशन और जंक्शन का विस्तार
इस रेलवे लाइन पर कुल 32 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें:
- 6 नए पूर्ण स्टेशन
- 10 हाल्ट स्टेशन
- 16 क्रॉसिंग स्टेशन शामिल होंगे।
बलरामपुर स्टेशन को जंक्शन का दर्जा देने की योजना है, जिससे यह पूर्वांचल के प्रमुख रेलवे केंद्रों में शामिल हो जाएगा। इसके साथ ही हंसुवाडोल, बहराइच, और श्रावस्ती में भी नए हाल्ट स्टेशन प्रस्तावित हैं।
किसानों के लिए भूमि अधिग्रहण बना चुनौती
रेलवे विभाग ने भूमि अधिग्रहण के लिए राजपत्र जारी कर दिया है। किसानों में यह चिंता बनी हुई है कि कहीं फसल कटाई से पहले अधिग्रहण शुरू न हो जाए। रेलवे की ओर से 40 फीट चौड़ी पटरी और 100 मीटर चौड़ी स्टेशन भूमि अधिग्रहण की बात कही जा रही है।
यूपी रेलवे प्रोजेक्ट का बजट और मंजूरी
यह परियोजना 2014 में सर्वे के लिए स्वीकृत हुई थी, जबकि केंद्र सरकार की कैबिनेट ने इसे 2018 में मंजूरी दी।
प्रारंभिक बजट के तहत 620 करोड़ रुपये सिर्फ पहले खंड के लिए आवंटित किए गए हैं। आने वाले समय में बाकी खंडों के लिए भी वित्तीय आवंटन की प्रक्रिया तेज होगी।
परियोजना के लाभ रोजगार और विकास दोनों
- यात्रियों के लिए सरल यात्रा: सीमावर्ती जिलों के लोग बिना किसी बाधा के गोरखपुर, बहराइच या लखनऊ जैसे बड़े शहरों से जुड़ सकेंगे।
- स्थानीय व्यापार को मिलेगा बल: कृषि उत्पाद, हस्तशिल्प और अन्य स्थानीय व्यापारों को नए बाजारों तक पहुंच मिलेगी।
- रोजगार के अवसर बढ़ेंगे: रेलवे लाइन के निर्माण से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और सहायक व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा।
- पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: श्रावस्ती जैसे बौद्ध धार्मिक स्थलों की कनेक्टिविटी सुधरने से पर्यटन में बढ़ोतरी होगी।
भविष्य की योजनाएं हाईस्पीड ट्रेनों के लिए भी तैयार होगी लाइन
रेलवे विभाग का लक्ष्य इस लिंक रूट को 160 किमी प्रति घंटा की गति तक ट्रेन संचालन के लिए तैयार करना है। भविष्य में वंदे भारत जैसी तेज गति की ट्रेनें इस मार्ग पर भी चलाई जा सकेंगी। इसके लिए विद्युतीकरण और उन्नत इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया जा रहा है।
यूपी के पूर्वी जिलों के विकास का नया अध्याय
बहराइच-बलरामपुर-खलीलाबाद रेलवे लिंक रूट सिर्फ एक परिवहन परियोजना नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों के लिए विकास की नई रेखा है। रोजगार, शिक्षा, व्यापार, पर्यटन और जीवन स्तर के सुधार के लिहाज से यह परियोजना एक मील का पत्थर साबित होगी। आने वाले वर्षों में जब यह रेल लाइन पूरी तरह से चालू हो जाएगी, तब यूपी के लाखों लोग इसका लाभ सीधे तौर पर उठा सकेंगे।