School Attendance System: राज्य के शिक्षा विभाग ने 1 मई 2025 से एक नई शुरुआत करने जा रहा है, जिसके तहत 30 सरकारी विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति अब ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। यह पहल न केवल शिक्षा को टेक्नोलॉजी से जोड़ने का प्रयास है, बल्कि इससे शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और निगरानी की प्रक्रिया भी मजबूत होगी। शिक्षा विभाग ने इन 30 स्कूलों को पहले ही टैबलेट उपलब्ध करा दिए हैं, जिनसे यह प्रक्रिया संचालित होगी।
कैसे काम करेगा नया ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम ?
ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के लिए छात्रों और शिक्षकों को एक विशेष सॉफ्टवेयर पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इस सॉफ्टवेयर में हर दिन स्कूल आने वाले बच्चों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी। खास बात यह है कि यह सॉफ्टवेयर सिर्फ उपस्थिति ही नहीं, बल्कि इस बात की भी जानकारी देगा कि किन-किन छात्रों ने मध्यान्ह भोजन (Mid Day Meal) खाया है। इससे शिक्षा विभाग को बच्चों की नियमितता और पोषण की निगरानी करने में भी सहायता मिलेगी।
डिजिटल लर्निंग की दिशा में आगे बढ़ता कदम
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने जानकारी दी कि इस शैक्षणिक सत्र से कक्षा 6 से ऊपर के छात्रों के लिए डिजिटल पुस्तकें भी उपलब्ध करवाई जाएंगी। छात्र भौतिक किताबों के साथ-साथ अब डिजिटल किताबों को भी पढ़ सकेंगे।
बच्चे चाहें तो स्कूल की डिजिटल लाइब्रेरी से इन किताबों को पेनड्राइव में डाउनलोड भी कर सकते हैं, जिससे पढ़ाई पहले से अधिक सुविधा और टेक्नोलॉजी युक्त हो जाएगी।
हर स्कूल में होगी ICT लैब और डिजिटल लाइब्रेरी
इस पहल को कारगर बनाने के लिए राज्य सरकार ने प्रत्येक सरकारी स्कूल में आईसीटी लैब (Information and Communication Technology Lab) और डिजिटल लाइब्रेरी की व्यवस्था करने का फैसला लिया है। इससे न केवल किताबें डिजिटल फॉर्म में मिलेंगी, बल्कि छात्रों को टेक्नोलॉजी से भी जोड़ा जाएगा जो उनके भविष्य की जरूरत बनती जा रही है।
शिक्षकों की ट्रेनिंग को लेकर सख्ती
राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) को निर्देश दिए गए हैं कि जो ट्रेनिंग शिक्षकों को दी जा रही है, उसका पालन स्कूलों में अनिवार्य रूप से हो। विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि हर स्कूल में इस बात की जांच की जाए कि शिक्षक अपनी ट्रेनिंग के अनुसार पढ़ा भी रहे हैं या नहीं। यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसे तत्काल ठीक कराया जाए।
चेतना सत्र में सभी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य
शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में अनुशासन और प्रेरणा को बढ़ावा देने के लिए ‘चेतना सत्र’ की शुरुआत की है। हर सरकारी स्कूल में सुबह 6:30 बजे चेतना सत्र आयोजित किया जाएगा जिसमें सभी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। इस सत्र का उद्देश्य है छात्रों को मोटिवेट करना, नैतिक शिक्षा देना और दिन की अच्छी शुरुआत करना।
मध्यान्ह भोजन निगरानी की भी होगी व्यवस्था
ऑनलाइन अटेंडेंस सॉफ्टवेयर की एक और खासियत यह है कि यह रिकॉर्ड करेगा कि कितने बच्चों ने मिड-डे मील खाया। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि भोजन वितरण में कोई गड़बड़ी न हो और सभी लाभार्थी छात्रों को योजना का पूरा लाभ मिले।
शिक्षा में तकनीकी बदलावों का सकारात्मक प्रभाव
इस पूरी प्रक्रिया से न केवल शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी, बल्कि यह सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को भी बढ़ाएगी। डिजिटल उपस्थिति, डिजिटल पुस्तकें, ICT लैब और शिक्षक प्रशिक्षण जैसे कदम सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों की तुलना में प्रतियोगी बनाएंगे।
एक डिजिटल युग की ओर शिक्षा व्यवस्था
राज्य के सरकारी स्कूलों में यह बदलाव एक क्रांतिकारी कदम है। टेक्नोलॉजी का सही उपयोग करते हुए बच्चों की पढ़ाई को ज्यादा आधुनिक और पारदर्शी बनाना निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि होगी। यदि यह प्रयोग 30 स्कूलों में सफल रहा तो भविष्य में इसे राज्यभर के सभी सरकारी स्कूलों में लागू किया जा सकता है, जिससे लाखों छात्रों को लाभ मिलेगा और शिक्षा व्यवस्था में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा।