PM Awas Yojana 2025: प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana 2025) के तहत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को पक्का मकान बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है. लेकिन अब इस योजना से जुड़े लाभार्थियों द्वारा निर्माण कार्य में देरी करने पर सरकार सख्त रुख अपनाने जा रही है. खासकर पहली किस्त मिलने के बाद भी घर का निर्माण शुरू नहीं करने वालों पर अब कार्रवाई की तलवार लटक रही है. बिहार के मरौना प्रखंड क्षेत्र की पंचायतों में ऐसे ही कई मामले सामने आए हैं. जहां पहली किस्त मिलने के हफ्तों बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है.
बीडीओ ने खुद किया निरीक्षण
मंगलवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) रचना भारती ने मरौना दक्षिण, घोघररिया, सिसौनी और अन्य पंचायतों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने पाया कि कई लाभार्थियों ने पहली किस्त मिल जाने के बाद भी घर बनवाना शुरू नहीं किया है. इस पर उन्होंने तत्काल ऐसे लाभार्थियों को ‘सफेद नोटिस’ जारी करने के निर्देश दिए. जिसमें साफ तौर पर एक सप्ताह का समय देकर निर्माण शुरू करने को कहा गया है. यदि निर्धारित समय सीमा में घर बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई. तो उनसे राशि की वसूली की जाएगी और योजना से बाहर भी किया जा सकता है.
निर्माण में देरी करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
बीडीओ ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी लाभार्थी ने जानबूझकर निर्माण में देरी की या पैसा लेकर अन्य कार्यों में खर्च किया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसमें एफआईआर दर्ज कर न्यायिक प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है. इस निर्देश के तहत पंचायत स्तर के आवास सहायकों और कर्मियों को कहा गया है कि वे घर-घर जाकर निर्माण की स्थिति की जांच करें. लाभार्थियों को समझाएं और उन्हें निर्माण के लिए प्रेरित करें. जो कर्मचारी इस कार्य में लापरवाही बरतेंगे. उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
सरकारी धन के दुरुपयोग को रोकने की तैयारी
प्रधानमंत्री आवास योजना का मकसद यह है कि गरीब, बेघर और कमजोर वर्ग के लोगों को सम्मानजनक आवास मिल सके. लेकिन कई मामलों में देखा गया है कि लाभार्थी योजना की राशि का दुरुपयोग कर रहे हैं. वे न तो समय पर घर बनवाते हैं और न ही उपयोग की गई राशि का हिसाब देते हैं. अब प्रशासन ऐसे मामलों में सख्त निगरानी और जवाबदेही तय करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है. योजना की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए नियमित फील्ड विजिट और रिव्यू किया जा रहा है.
जागरूकता अभियान से लाभार्थियों को किया जा रहा है प्रेरित
बीडीओ रचना भारती ने बताया कि लगातार पंचायतों का दौरा कर लाभार्थियों से संपर्क किया जा रहा है. उन्हें घर निर्माण की महत्ता, समय सीमा और लाभ के बारे में जागरूक किया जा रहा है. बीडीओ ने यह भी कहा कि जो लाभार्थी निर्माण में तेजी दिखा रहे हैं, उन्हें आगे की किस्तों में कोई परेशानी नहीं होगी. इसके साथ ही यह भी बताया गया कि जिन लाभार्थियों को दूसरी किस्त या तकनीकी सहायता में कोई समस्या हो. वे सीधे बीडीओ कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं. विभाग हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगा.
कर्मचारियों को भी दिए गए निर्देश, निगरानी बढ़ाई गई
आवास योजना से जुड़े कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे पंचायतवार रिपोर्ट तैयार करें. किस लाभार्थी ने निर्माण शुरू किया, किसने नहीं—यह पूरी जानकारी नियमित रूप से बीडीओ कार्यालय को दें. इसके अलावा ऐसे मामलों को प्राथमिकता दी जाए जहां लाभार्थी निर्माण के लिए तैयार हैं लेकिन किसी तकनीकी या आर्थिक कारण से रुकावट है. लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई के संकेत पहले ही मिल चुके हैं. अब उन्हें हर स्तर पर जवाबदेह बनना होगा.
योजना का उद्देश्य और लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य है कि साल 2025 तक “हर गरीब को पक्का घर” मिले. योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लाभार्थी को 1.20 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है. इसमें निर्माण की प्रगति के अनुसार तीन किश्तों में राशि का वितरण होता है. अगर निर्माण कार्य में देरी होती है, तो अगली किस्त रोकी जा सकती है. इसलिए लाभार्थियों को समय से निर्माण शुरू कर चरणबद्ध रूप से कार्य पूरा करना जरूरी होता है.