Public Holiday: 18 अप्रैल 2025 को मनाया जाने वाला गुड फ्राइडे ईसाई धर्म में बड़ा दिन है. यह वह दिन है जब यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया था, जिसे उनके बलिदान और मानवता के लिए उनके प्रेम की याद के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को भारत सहित दुनिया भर में ईसाई लोग बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं.
भारत में गुड फ्राइडे की मान्यता
भारत में गुड फ्राइडे सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है. इस दिन स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों सहित अधिकतर निजी संस्थान बंद रहते हैं. विशेषकर, केरल, गोवा, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में यह दिन बहुत ही गंभीरता और शांति के साथ मनाया जाता है.
शैक्षिक संस्थानों में अवकाश
गुड फ्राइडे के अवसर पर देशभर के शैक्षिक संस्थान बंद रहते हैं. इस दिन छात्रों और शिक्षकों को विशेष रूप से छुट्टी दी जाती है ताकि वे इस दिन को अपने परिवार के साथ बिता सकें और धार्मिक गतिविधियों में भाग ले सकें.
बैंक और वित्तीय संस्थानों में भी छुट्टी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशानुसार, गुड फ्राइडे के दिन सभी बैंक, वित्तीय संस्थान और शेयर बाजार बंद रहते हैं. इस दिन कोई भी वित्तीय लेन-देन नहीं होता है, जिससे यह दिन वित्तीय गतिविधियों के लिए भी एक विराम का समय होता है.
लॉन्ग वीकेंड की योजना
इस वर्ष, गुड फ्राइडे के बाद का दिन शनिवार है और उसके बाद रविवार को ईस्टर मनाया जाएगा, जिससे लोगों को लॉन्ग वीकेंड का आनंद लेने का मौका मिलेगा. यह समय कई परिवारों के लिए आराम और आत्म-चिंतन का क्षण भी होता है.
धार्मिक और सामाजिक महत्व
गुड फ्राइडे को चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं. इस दिन ईसाई समुदाय उपवास करता है और प्रार्थना के माध्यम से यीशु मसीह के त्याग और प्रेम को याद करता है. गैर-ईसाई समुदाय भी इस दिन को शांति और सद्भाव का संदेश देने के लिए मनाते हैं, जो समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है.
गुड फ्राइडे न केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सामाजिक संदेश भी देता है कि किस प्रकार हमें दूसरों के प्रति करुणा और प्रेम बनाए रखना चाहिए. इस दिन के माध्यम से हम एक बेहतर समाज की ओर अग्रसर हो सकते हैं जहां सहिष्णुता, प्रेम और शांति का प्रभावी ढंग से प्रसार हो.