Haryana Govt News: हरियाणा सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए राज्य के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को फिर से नौकरी देने की अनुमति देने का फैसला किया है। इसके लिए मानव संसाधन विभाग (Human Resources Department) की ओर से आधिकारिक आदेश भी जारी किए गए हैं। यह निर्णय खासतौर पर उन अनुभवी कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है जो सेवानिवृत्ति के बाद भी कार्य करने की इच्छा रखते हैं और अपनी सेवाएं पुनः देने के लिए सक्षम हैं।
मुख्यमंत्री को दी गई पुनः रोजगार की स्वीकृति देने की अधिकारिता
इस संदर्भ में हरियाणा मंत्रिपरिषद की 25 मार्च 2025 को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखने के सभी प्रस्तावों को मंजूरी देने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास होगा। पहले इसके लिए मंत्रिपरिषद की सामूहिक मंजूरी की आवश्यकता होती थी।
किन परिस्थितियों में दी जाएगी पुनः नियुक्ति ?
हरियाणा सिविल सेवा (सामान्य) नियम, 2016 के नियम-143 के अनुसार, किसी कर्मचारी को दोबारा नियुक्त करना तभी संभव है जब—
- वह मामला जनहित में हो।
- स्थिति को असाधारण श्रेणी में रखा गया हो।
- कर्मचारी ने 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो यानी रिटायर हो चुका हो।
- पुनः नियुक्ति की अवधि अधिकतम दो वर्ष तक सीमित होनी चाहिए।
इन सभी शर्तों के तहत ही किसी भी रिटायर व्यक्ति को सेवा में दोबारा लिया जाएगा।
क्यों उठाया गया यह कदम ?
सरकार के अनुसार, कई ऐसे विभाग हैं जहाँ अनुभवी और दक्ष कर्मचारियों की कमी बनी रहती है। इन पदों पर नए कर्मचारियों की भर्ती या प्रशिक्षण में समय लगता है, वहीं कुछ कार्य ऐसे होते हैं जो केवल अनुभवी कर्मचारियों के मार्गदर्शन में ही ठीक से हो सकते हैं।
इसलिए यह निर्णय लिया गया कि आवश्यकता पड़ने पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवाएं दोबारा ली जा सकती हैं ताकि—
- प्रशासनिक दक्षता बनी रहे
- विभागीय कार्यों में रुकावट न आए
- अनुभव का सही उपयोग हो सके
किन विभागों में मिल सकता है पुनः रोजगार का अवसर ?
इस योजना के तहत पुनः नियुक्ति उन्हीं विभागों में दी जा सकेगी जहाँ—
- विशेषज्ञता की आवश्यकता हो
- तकनीकी या प्रशासनिक अनुभव की कमी हो
- पद रिक्त होने के कारण काम प्रभावित हो रहा हो
संभावित विभागों में शामिल हैं:
- शिक्षा विभाग
- स्वास्थ्य विभाग
- सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग
- राजस्व विभाग
- सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD)
- पुलिस व गृह विभाग
क्या होती है पुनः नियुक्ति प्रक्रिया जानें स्टेप बाय स्टेप
पुनः नियुक्ति की प्रक्रिया विभागीय स्तर पर तय की गई शर्तों के अनुरूप होती है:
- प्रस्ताव तैयार किया जाता है, विभाग जरूरत के अनुसार रिटायर्ड कर्मचारी के लिए प्रस्ताव तैयार करता है।
- अनुमोदन हेतु भेजा जाता है, प्रस्ताव को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जाता है।
- मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद आदेश जारी होते हैं।
- कर्मचारी को नए नियुक्ति पत्र के आधार पर दोबारा सेवा में लिया जाता है।
इस पूरी प्रक्रिया को मानव संसाधन विभाग के मार्गदर्शन में अंजाम दिया जाएगा।
नियमों के उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
मानव संसाधन विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी विभागों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा। किसी भी प्रकार की मनमानी या नियमों से बाहर जाकर की गई नियुक्ति पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या लाभ होगा इससे राज्य को ?
सरकार को इस नीति से कई स्तरों पर लाभ मिलने की संभावना है:
- कार्यरत अधिकारियों को अनुभवी मार्गदर्शन मिलेगा
- प्रशिक्षण में लगने वाला समय और संसाधन बचेगा
- रिक्त पदों से उत्पन्न कार्यभार की समस्या से राहत मिलेगी
- नीतिगत निर्णयों में निरंतरता बनी रहेगी
इसके अलावा, रिटायर हो चुके कर्मचारी भी अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकेंगे और सामाजिक योगदान देते रहेंगे।
अनुभव और सेवा का सम्मान
हरियाणा सरकार का यह कदम ‘अनुभव का आदर और सार्वजनिक सेवा की निरंतरता’ का प्रतीक है। यह न सिर्फ अनुभवी कर्मचारियों को सम्मान देता है बल्कि राज्य के प्रशासन को भी मज़बूत करता है। मुख्यमंत्री को पुनः नियुक्ति की मंजूरी देने का अधिकार देने से प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी।