RBI Big Action: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के प्रमुख बैंकों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए नियामकीय नियमों की अनदेखी के लिए जुर्माना ठोका है। साथ ही, बैंक अब कुछ मामलों में RBI को सूचित किए बिना विदेशी शाखाओं के नाम पर रुपए खातों का संचालन कर सकेंगे। यह बदलाव बैंकों के विदेशी प्रतिनिधियों और शाखाओं के संचालन को लेकर अहम है।
तीन बैंकों पर भारी जुर्माना नियमों की अनदेखी का नतीजा
RBI ने कोटक महिंद्रा बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) पर कुल मिलाकर लाखों रुपये का जुर्माना लगाया है। इसका कारण बैंकों की ओर से ऋण प्रणाली, KYC और ग्राहक सेवा से संबंधित निर्देशों का पालन न करना है।
- कोटक महिंद्रा बैंक पर ₹61.4 लाख का जुर्माना इसलिए लगा क्योंकि उसने ऋण वितरण प्रणाली और लोन गाइडलाइंस के तहत जरूरी नियमों का पालन नहीं किया।
- IDFC फर्स्ट बैंक पर ₹38.6 लाख की पेनाल्टी KYC नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगाई गई है।
- वहीं, PNB को ₹29.6 लाख का जुर्माना ग्राहक सेवा से संबंधित निर्देशों का पालन न करने के कारण देना पड़ा।
RBI ने यह भी स्पष्ट किया कि यह दंड सिर्फ नियामकीय अनुपालन की खामियों के लिए है, न कि ग्राहकों के साथ किसी खास लेन-देन की वैधता को चुनौती देने के लिए।
अब विदेशी शाखाएं खोल सकेंगी रुपए खाते बिना RBI से अनुमति
RBI ने खातों और जमाओं पर मास्टर निर्देशों में बदलाव करते हुए कहा है कि भारत में स्थित बैंक अब अपनी विदेशी शाखाओं या प्रतिनिधियों के नाम पर ब्याज रहित (Non-Interest Bearing) रुपए खाते खोल और बंद कर सकते हैं बिना RBI को पूर्व सूचना दिए।
अगर कोई पाकिस्तानी बैंक भारत के बाहर स्थित शाखा के जरिए खाता खोलना चाहता है, तो उसे RBI की विशेष मंजूरी लेनी होगी।
प्रवासी बैंकों के खाते और विदेशी मुद्रा की स्थिति
RBI ने प्रवासी बैंकों से जुड़े खातों को लेकर भी दिशा-निर्देश साफ किए हैं।
- प्रवासी बैंक के खाते में रकम जमा करना विदेशी भुगतान का एक वैध तरीका माना जाएगा, जो कि फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन के अधीन रहेगा।
- वहीं, ऐसे खातों से राशि की निकासी को विदेशी मुद्रा का प्रेषण (Remittance) माना जाएगा।
RBI ने कहा कि भारतीय बैंक विदेशी मुद्रा को चालू दरों पर खरीदकर अपने विदेशी प्रतिनिधियों के खातों में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं, लेकिन इसपर कड़ी निगरानी होनी चाहिए ताकि इसका गलत उपयोग न हो और भारतीय रुपये में सट्टेबाजी जैसी गतिविधियों को रोका जा सके।
सट्टेबाज़ी रोकने के लिए सख्ती की जरूरत
RBI ने साफ कहा है कि विदेशी बैंकों को भारतीय रुपये पर सट्टा खेलने से रोकना बेहद ज़रूरी है। ऐसे में भारतीय बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि लेन-देन पूरी तरह पारदर्शी हो। अगर किसी बैंक की गतिविधियों में संदेहास्पद व्यवहार पाया जाता है, तो उसकी सूचना सीधे RBI को देनी होगी। इस निर्देश का मकसद भारत के मौद्रिक तंत्र और वित्तीय प्रणाली को सुरक्षित बनाए रखना है।
नए दिशानिर्देश से बैंकों को मिली छूट लेकिन ज़िम्मेदारी भी बढ़ी
इस नए आदेश से जहां बैंकों को विदेशी शाखाओं में खाता खोलने की आज़ादी मिली है, वहीं रिपोर्टिंग और निगरानी की जिम्मेदारी भी और ज्यादा बढ़ गई है। RBI की कोशिश है कि ब्याज रहित खातों का उपयोग केवल वास्तविक ज़रूरतों के लिए किया जाए और इसका दुरुपयोग किसी भी सूरत में न हो।
क्या ग्राहकों पर पड़ेगा असर ?
इस पूरी कार्रवाई और निर्देश का ग्राहकों के साथ सीधा संबंध नहीं है। RBI ने स्पष्ट किया है कि जुर्माना लगाने का मतलब ग्राहक लेन-देन या अनुबंध की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है। ये कदम केवल बैंकों की आंतरिक गड़बड़ियों और अनुपालन की कमियों को ठीक करने के लिए उठाए गए हैं।
RBI का संदेश साफ नियमों में चूक बर्दाश्त नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक की इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि नियामकीय ढांचे का पालन करना अनिवार्य है। चाहे बैंक बड़े हों या छोटे, अगर वे गाइडलाइंस का पालन नहीं करेंगे, तो आरबीआई सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। साथ ही, विदेशी खातों और लेन-देन पर सख्ती के साथ निगरानी रखकर भारतीय वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम बढ़ा है।