Recharge Plans Hike: देश में मोबाइल का इस्तेमाल हर किसी की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। लेकिन अब मोबाइल यूज करने वालों को अपनी जेब ढीली करने के लिए तैयार रहना होगा। भारत की बड़ी टेलीकॉम कंपनियां एक बार फिर अपने मोबाइल रिचार्ज प्लान की कीमतों में इजाफा करने जा रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2025 के अंत तक यानी नवंबर-दिसंबर के बीच रिचार्ज प्लान की कीमतें 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। इससे पहले जुलाई 2024 में कंपनियों ने 25% तक का हाइक किया था।
पहले भी बढ़ चुके हैं मोबाइल प्लान अब चौथा बड़ा हाइक तय
यह पिछले छह सालों में टेलीकॉम कंपनियों द्वारा चौथी बार किया जाने वाला बड़ा प्राइस हाइक होगा। सबसे आखिरी बार जुलाई 2024 में प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों जैसे एयरटेल और जियो ने अपने प्लान की दरों में 25% तक की बढ़ोतरी की थी। अब एनालिस्ट्स (विश्लेषक) का मानना है कि आने वाले महीनों में एक और मूल्य वृद्धि तय है, जो ग्राहकों के मासिक बजट को प्रभावित कर सकती है।
नेटवर्क विस्तार और लाइसेंस लागत बनी मुख्य वजह
इस प्राइस हाइक की प्रमुख वजहें हैं –
- टेलीकॉम कंपनियों द्वारा 4G और 5G नेटवर्क के विस्तार पर हो रहा भारी निवेश
- रेगुलेटरी जरूरतों जैसे लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम की लागत
- कम रेवेन्यू की भरपाई के लिए कंपनियों पर फंडिंग का दबाव
विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों को अपनी ऑपरेशनल रिकवरी के लिए टैरिफ बढ़ाना जरूरी हो गया है। खासतौर पर वोडाफोन-आइडिया जैसी कंपनियां, जो पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रही हैं।
वोडाफोन-आइडिया ने बढ़ाया सरकार में हिस्सेदारी का प्रस्ताव
वोडाफोन-आइडिया ने सरकार से अपने ₹36,950 करोड़ के स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदलने की मांग की है। अगर यह प्रस्ताव स्वीकार होता है तो सरकार का शेयर कंपनी में 22.6% से बढ़कर 49% तक हो जाएगा। इसका मतलब है कि वोडाफोन-आइडिया को सरकार से सीधा आर्थिक समर्थन मिलेगा। लेकिन इसके बावजूद कंपनी की सबसे बड़ी जरूरत रेवेन्यू बढ़ाना ही है, जो कि टैरिफ हाइक से ही संभव हो पाएगा।
एनालिस्ट्स ने की 10-20% वृद्धि की भविष्यवाणी
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट और कई ब्रोकरेज फर्मों जैसे Ambit की मानें तो,
“हम दिसंबर 2025 तक टेलीकॉम टैरिफ में 10 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।”
इस तरह, अगर आप अभी ₹239 का प्रीपेड प्लान लेते हैं, तो नई दरों के बाद यही प्लान ₹263 से ₹287 तक का हो सकता है। ऐसे में यूजर्स को अपने मासिक मोबाइल खर्च में बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी।
5G रोलआउट और तकनीकी विस्तार की बढ़ी जिम्मेदारी
भारत में 5G सेवाओं का रोलआउट भले ही शुरू हो गया हो, लेकिन इसका संपूर्ण विस्तार अभी बाकी है।
- एयरटेल और जियो ने कुछ महानगरों में 5G सेवा शुरू कर दी है
- वोडाफोन-आइडिया अब तक 5G लॉन्च नहीं कर सकी है
- 4G नेटवर्क की भी कई ग्रामीण इलाकों में पहुंच नहीं है
इन सभी विस्तार कार्यों के लिए भारी निवेश की आवश्यकता है, और कंपनियां अपने खर्च को रिचार्ज प्लान की कीमत बढ़ाकर पूरा करना चाहती हैं।
बाजार में मुकाबला लेकिन दाम फिर भी सबसे सस्ते
टेलीकॉम इंडस्ट्री में चाहे जितनी मुकाबला हो, भारत में रिचार्ज प्लान की कीमतें अभी भी पूरी दुनिया में सबसे सस्ती हैं।
- जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया जैसे प्रमुख ऑपरेटर्स
- कम कीमत में डेटा और कॉलिंग की सुविधा
- महीने के 1GB प्रति दिन डेटा वाले प्लान सिर्फ ₹200-₹250 में उपलब्ध
इसलिए कंपनियां चाहती हैं कि वे धीरे-धीरे दाम बढ़ाकर अपने घाटे की भरपाई करें, जबकि सर्विस क्वालिटी को भी बेहतर बनाए रखें।
टैरिफ हाइक अब हो सकती है नियमित प्रक्रिया
विशेषज्ञों का कहना है कि अब टैरिफ में बदलाव एक नियमित प्रक्रिया बन सकता है।
- हर 12 महीने में कीमतें बढ़ाना अब सामान्य होता जा रहा है
- कंपनियां हर साल 10-15% की नियमित बढ़ोतरी कर सकती हैं
- इस मॉडल से कंपनियों को स्थायी रेवेन्यू मिलेगा और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस बना रहेगा
उपभोक्ताओं को तैयार रहना होगा अगली कीमत बढ़ोतरी के लिए
भारत में मोबाइल यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है, और डिजिटल सेवाओं का उपयोग भी दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में नेटवर्क की गुणवत्ता बनाए रखने और टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने के लिए कंपनियों को धन की जरूरत है। यही वजह है कि रिचार्ज प्लान्स की कीमतों में 10-20% तक की संभावित वृद्धि अब तय मानी जा रही है।