Home Loan Defaulter: आज के समय में होम लोन लेकर घर खरीदना एक आम प्रक्रिया बन चुकी है। लेकिन लोन लेना जितना आसान हो गया है, उसकी EMI (Equated Monthly Installment) चुकाना उतना ही जरूरी और संवेदनशील विषय है। कई बार अचानक आई आर्थिक परेशानियों की वजह से लोग EMI समय पर नहीं चुका पाते, और यही गलती आगे चलकर गंभीर संकट का कारण बन सकती है।
EMI मिस करने पर तुरंत हो सकती है कार्रवाई
यदि आपने एक बार EMI मिस कर दी है तो बैंक की ओर से एक रिमाइंडर या फोन कॉल आ सकता है। यह पहली बार में बैंक नजरअंदाज भी कर देता है। लेकिन यदि आप लगातार दो से तीन बार EMI चुकाने में चूक करते हैं, तो बैंक इसे गंभीरता से लेता है और आपको डिफॉल्टर घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
बैंक कब घोषित करता है डिफॉल्टर ?
- 1 बार EMI मिस: बैंक SMS, कॉल या ईमेल द्वारा रिमाइंड करता है
- 2 बार मिस: आपको आधिकारिक नोटिस भेजा जाएगा
- 3 बार लगातार चूक: बैंक कानूनी कार्रवाई की ओर बढ़ता है और आपको “Loan Defaulter” घोषित कर सकता है
क्या होता है जब अकाउंट NPA में चला जाता है ?
यदि आपकी EMI लगातार 90 दिनों तक नहीं भरी जाती, तो बैंक उस लोन अकाउंट को NPA (Non-Performing Asset) घोषित कर देता है। इसके बाद आपकी फाइल तीन चरणों में आगे बढ़ती है:
- सबस्टैंडर्ड एसेट (Substandard Asset): 12 महीने तक बकाया लोन
- डाउटफुल एसेट (Doubtful Asset): 12 महीने से ज्यादा बकाया, वसूली संदिग्ध
- लॉस एसेट (Loss Asset): बैंक मान लेता है कि रकम नहीं वसूली जा सकती
प्रॉपर्टी नीलामी से पहले बैंक क्या प्रक्रिया अपनाता है?
अगर लंबे समय तक आप लोन नहीं चुका पाते हैं, तो बैंक आपके घर की नीलामी कर सकता है। लेकिन इससे पहले कुछ अहम स्टेप्स होते हैं:
- सार्वजनिक नोटिस जारी किया जाता है
- नोटिस में संपत्ति की जानकारी, न्यूनतम मूल्य (Reserve Price) और नीलामी की तारीख होती है
- आप चाहे तो नीलामी की प्रक्रिया को चुनौती भी दे सकते हैं
- पूरी प्रक्रिया RBI के नियमों के अनुसार होती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है
EMI चुकाने में दिक्कत हो रही है तो करें ये उपाय
- बैंक से संपर्क करें: अपनी स्थिति खुलकर बताएं
- Loan Restructuring का अनुरोध करें: टेन्योर बढ़ाकर EMI कम की जा सकती है
- EMI Holiday मांगें: कुछ महीनों के लिए राहत मिल सकती है
- अतिरिक्त कमाई के स्रोत तलाशें: फ्रीलांसिंग, पार्ट टाइम जॉब या किसी प्रॉपर्टी को किराए पर देना
- खर्चों पर नियंत्रण रखें: अनावश्यक खर्चों को सीमित करें
बैंक आमतौर पर उन ग्राहकों की मदद करता है जो संपर्क में रहते हैं और ईमानदारी से समस्या बताकर समाधान चाहते हैं।
बार-बार EMI बाउंस होने से क्या नुकसान होता है ?
- पेनाल्टी: हर बाउंस पर लेट फीस और पेनाल्टी लगती है
- क्रेडिट स्कोर डाउन: आपके CIBIL स्कोर पर सीधा असर पड़ता है
- भविष्य के लोन में मुश्किल: आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो जाती है
- लीगल एक्शन: बैंक कानूनी नोटिस भेज सकता है या कोर्ट में केस कर सकता है
- प्रॉपर्टी की नीलामी: सबसे आखिरी और गंभीर स्थिति
एक सिंगल मिस भी बना सकती है बड़ी समस्या
EMI का समय पर भुगतान न सिर्फ प्रॉपर्टी सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है, बल्कि इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी मजबूत बना रहता है। एक बार चूकने पर आपको अतिरिक्त चार्ज तो देना ही पड़ता है, साथ ही भविष्य में पर्सनल लोन, कार लोन या किसी भी प्रकार की फाइनेंशियल मदद में परेशानी आ सकती है।
डिजिटल टूल्स से EMI मैनेज करना हुआ आसान
आजकल बैंक, NBFC और UPI ऐप्स में EMI रिमाइंडर की सुविधा होती है। आप समय पर भुगतान के लिए ऑटो डेबिट सेट कर सकते हैं, जिससे गलती से भी EMI मिस न हो।
समय पर EMI दें और बचाएं अपनी संपत्ति
होम लोन की EMI एक जिम्मेदारी है, जिसे समय पर पूरा करना जरूरी है। यदि किसी महीने कठिनाई आए तो घबराएं नहीं, तुरंत बैंक से बात करें। बैंक भी चाहता है कि ग्राहक लोन चुका दे, न कि उसकी प्रॉपर्टी नीलाम करनी पड़े।