Kokilaben Ambani Fitness: कोकिलाबेन अंबानी का नाम आज देश की उन चुनिंदा महिलाओं में शामिल है जिन्होंने अपने सादे जीवन से एक समृद्ध और शक्तिशाली बिजनेस फैमिली को स्थिरता दी। वे धीरूभाई अंबानी की पत्नी और मुकेश व अनिल अंबानी की माता हैं। भले ही वे बिजनेस की चकाचौंध से दूर रही हों, लेकिन परिवार की रीढ़ बनने में उनका योगदान अतुलनीय रहा है।
गुलाम भारत में जन्म आज देश के सबसे प्रभावशाली घराने की सदस्य
कोकिलाबेन का जन्म भारत की आज़ादी से पहले हुआ था। आज वे 90 साल से अधिक उम्र की हो चुकी हैं, लेकिन उनके चेहरे की चमक और जीवनशैली को देखकर उनकी उम्र का अंदाज़ा लगाना मुश्किल है। उन्होंने अपने जीवन में न केवल पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाया, बल्कि अपने बच्चों की परवरिश और संस्कारों में भी कभी कोई समझौता नहीं किया।
एंटीलिया में रहती हैं जीवन में अपनाई सादगी
आज कोकिलाबेन अंबानी अपने बेटे मुकेश अंबानी के साथ मुंबई के मशहूर 27-मंज़िला घर ‘एंटीलिया’ में रहती हैं। यह घर दुनिया के सबसे महंगे और आलीशान आवासों में गिना जाता है, लेकिन कोकिलाबेन की जीवनशैली इससे एकदम उलट है। वे आज भी सादगी भरा जीवन जीती हैं और आधुनिक विलासिता से दूर पारंपरिक भारतीय मूल्यों में विश्वास रखती हैं।
कोकिलाबेन की डाइट शुद्ध शाकाहारी और सात्विक जीवन का प्रतीक
कोकिलाबेन अंबानी हमेशा से शुद्ध शाकाहारी रही हैं। वे अपने घर में मांसाहार की अनुमति नहीं देतीं। उनका मानना है कि सात्विक भोजन न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि मन को भी शांत करता है। वे रोज़ाना अपने भोजन में घर पर बना सादा खाना ही लेती हैं।
कोकिलाबेन का पसंदीदा भोजन क्या है ?
उनका पसंदीदा भोजन पारंपरिक गुजराती भोजन है, जिसमें गेहूं की रोटी, अरहर की दाल, कढ़ी, सब्ज़ी और ढोकली जैसी चीजें शामिल होती हैं।
ढोकली क्या होती है ?
ढोकली एक पारंपरिक गुजराती डिश है जिसमें गेंहू के आटे से बनी स्ट्रिप्स को दाल में डालकर पकाया जाता है। यह एक तरह का हेल्दी स्टू होता है जो स्वाद में बेहद उम्दा और पोषण से भरपूर होता है। कोकिलाबेन को ढोकली विशेष रूप से पसंद है क्योंकि यह हल्का, सुपाच्य और ऊर्जा देने वाला होता है।
90 की उम्र में भी फिटनेस का राज क्या है ?
कोकिलाबेन की उम्र भले ही 90 पार कर गई हो, लेकिन उनकी ऊर्जा और मानसिक सतर्कता आज भी युवा पीढ़ी को प्रेरित करती है। इसका मुख्य कारण है उनका सात्विक खान-पान और नियमित जीवनचर्या। वे हर दिन समय पर उठती हैं, पूजा-पाठ करती हैं और संतुलित भोजन के साथ हल्की सैर को अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाती हैं।
योग्यता से ज्यादा संस्कारों में विश्वास
कोकिलाबेन हमेशा से अपने बच्चों को भारतीय परंपराओं से जोड़कर रखती आई हैं। उन्होंने मुकेश और अनिल अंबानी को बचपन से ही सादा जीवन जीने और मेहनत करने की शिक्षा दी। यही वजह है कि आज भी मुकेश अंबानी जितने बड़े उद्योगपति हैं, उतने ही जमीन से जुड़े इंसान भी हैं। यह उनके घर की संस्कारशैली का ही प्रभाव है।
भोजन से जुड़ी और दिलचस्प बातें
- कोकिलाबेन घर में बिना लहसुन-प्याज के भोजन को प्राथमिकता देती हैं।
- वे सीजनल और ऑर्गेनिक सब्जियों का उपयोग करती हैं।
- उनका मानना है कि भोजन एक संस्कार है , केवल पेट भरना नहीं।
- वे खुद भी किचन में समय देती हैं और हर त्यौहार पर पारंपरिक व्यंजन बनवाती हैं।
परिवार के लिए मार्गदर्शक
भले ही कोकिलाबेन आज पर्दे के पीछे हैं, लेकिन उनके निर्णय और सोच आज भी अंबानी परिवार की कार्यशैली में झलकते हैं। वे न सिर्फ अपने बच्चों की प्रेरणा हैं, बल्कि बहुओं और पोते-पोतियों के लिए भी एक आइडल की तरह हैं। उनकी जीवनशैली यह सिखाती है कि चाहे आप कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं, अपनी जड़ों और सादगी को कभी नहीं भूलना चाहिए।
कोकिलाबेन अंबानी एक प्रेरणा हैं
कोकिलाबेन अंबानी न केवल एक सफल कारोबारी परिवार की सदस्य हैं, बल्कि वे भारत की उस सोच का प्रतीक हैं जिसमें सादगी, संस्कार और स्वास्थ्य को सर्वोच्च माना गया है। उनका जीवन हर भारतीय महिला के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है, जो यह बताता है कि साधारण रहकर भी असाधारण प्रभाव छोड़ा जा सकता है।