UP FourLane Highway: उत्तर प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी और विकास के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। कानपुर के रमईपुर से हमीरपुर तक 112 किलोमीटर लंबे फोरलेन हाईवे को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से हरी झंडी मिल गई है। यह हाईवे कुल 96 गांवों से होकर गुजरेगा, जिससे न केवल आवाजाही आसान होगी बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी नया रास्ता मिलेगा।
कानपुर फतेहपुर और हमीरपुर जिलों को जोड़ने वाली परियोजना
यह हाईवे परियोजना तीन बड़े जिलों कानपुर, फतेहपुर और हमीरपुर से होकर निकलेगी। यह प्रोजेक्ट 3700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा, जिसमें से लगभग 2000 करोड़ रुपये केवल जमीन अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे। इस योजना के अंतर्गत NHAI (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने 700 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण शुरू करने की प्रक्रिया में तेजी ला दी है।
96 गांवों की गाटा संख्या की पहचान शुरू
NHAI के परियोजना निदेशक अमन रोहिल्ला ने जानकारी दी है कि जमीन अधिग्रहण के लिए 96 गांवों की गाटा संख्या चिन्हित की जा रही है। इसके लिए राजस्व अधिकारियों से समन्वय कर जमीन की स्थिति और स्वामित्व की जानकारी जुटाई जा रही है। यह प्रक्रिया तीनों जिलों में समान रूप से चल रही है, जिससे अधिग्रहण की पारदर्शिता बनी रहे।
हर दिन 40 हजार ट्रक डंपर चलते हैं इस मार्ग से
नौबस्ता से कबरई जाने वाला मौजूदा मार्ग बेहद जर्जर है। इस रास्ते से हर दिन करीब 40,000 ट्रक और डंपर गिट्टी, मौरंग और अन्य निर्माण सामग्री लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों जैसे कानपुर, लखनऊ, सीतापुर, गोंडा, अयोध्या और लखीमपुर तक जाते हैं। खराब सड़क के कारण आए दिन हादसे होते हैं और भारी ट्रैफिक जाम से स्थानीय लोग परेशान रहते हैं। ऐसे में फोरलेन हाईवे का बनना बेहद जरूरी हो गया था।
रमईपुर से कबरई होते हुए छतरपुर हाईवे से जोड़ा जाएगा नया मार्ग
इस हाईवे की योजना रमईपुर से शुरू होकर कबरई होते हुए छतरपुर हाईवे तक जाएगी। यह रूट रिंग रोड से जोड़कर तैयार किया जाएगा, जिससे भारी वाहनों का दबाव मुख्य शहरों से हटाकर फोरलेन पर डाला जा सके। यह नया राजमार्ग विकल्प के तौर पर मौजूदा खराब मार्ग की समस्या का समाधान देगा। साथ ही औद्योगिक, खनन और व्यापारिक क्षेत्रों के लिए बेहतर लॉजिस्टिक सुविधा तैयार होगी।
वन विभाग की मंजूरी की भी चल रही प्रक्रिया
चूंकि हाईवे का निर्माण कुछ ऐसे क्षेत्रों से होकर होगा, जहां वन भूमि भी मौजूद है, इसलिए इस परियोजना को वन विभाग की मंजूरी भी लेनी होगी। परियोजना निदेशक के अनुसार, संबंधित विभागों को प्रस्ताव भेजा जा चुका है और जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। जैसे ही मंजूरी मिलती है, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया और तेज कर दी जाएगी।
स्थानीय विकास और रोज़गार को मिलेगा बढ़ावा
इस हाईवे के बनने से सिर्फ आवागमन ही आसान नहीं होगा, बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
- सड़क किनारे नए व्यवसाय, जैसे ढाबे, पेट्रोल पंप, वर्कशॉप्स खुलेंगे
- निर्माण कार्यों में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा
- लॉजिस्टिक कंपनियों और ट्रांसपोर्ट एजेंसियों के लिए नया रूट विकसित होगा
- कृषि उपज को मंडियों तक पहुंचाना आसान होगा
गांवों के लिए आधुनिक विकास की ओर एक कदम
यह हाईवे 96 गांवों के लोगों के जीवन को पूरी तरह बदल देगा। जहां पहले सड़क न होने के कारण गांवों में आवागमन की सुविधा सीमित थी, वहीं अब ये गांव मुख्य राजमार्गों से जुड़ जाएंगे। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार के अवसर भी बढ़ेंगे।
उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मिलेगा नया आयाम
112 किलोमीटर लंबा यह फोरलेन हाईवे उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को एक नई दिशा देने वाला है। इससे न केवल लोगों की यात्रा का समय कम होगा, बल्कि रोजगार, व्यापार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत आधार मिलेगा। सरकार की यह परियोजना उन गांवों के लिए उम्मीद की एक किरण है, जो अब तक विकास की मुख्यधारा से दूर थे।