Private School Free Admission: हरियाणा में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education – RTE) के तहत गरीब और जरूरतमंद बच्चों को पहली कक्षा और पूर्व-प्राथमिक स्तर पर निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिला दिलाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने पहले आवेदन की अंतिम तारीख 22 अप्रैल 2025 तय की थी, जिसे अब बढ़ाकर 25 अप्रैल 2025 कर दिया गया है। यह फैसला उन अभिभावकों के लिए राहत की खबर है जो अब तक किसी कारणवश आवेदन नहीं कर सके थे। आइए विस्तार से जानते हैं कि कौन से बच्चे इस योजना के पात्र हैं, स्कूलों पर क्या जिम्मेदारियां हैं और किन स्कूलों पर कार्रवाई की जा सकती है।
RTE अधिनियम के तहत मुफ्त शिक्षा का अधिकार
हरियाणा निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम 2011 के तहत राज्य में मौजूद सभी निजी स्कूलों को पहली कक्षा तक की 25% सीटें गरीब और वंचित बच्चों के लिए आरक्षित करनी होती हैं। यह नियम पूरी तरह से बाध्यकारी है और सभी स्कूलों को इसका पालन करना अनिवार्य है।
आरटीई के तहत:
- पहली कक्षा और पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं में दाखिला होता है।
- बच्चों को ट्यूशन फीस, यूनिफॉर्म, किताबें और स्टेशनरी मुफ्त दी जाती हैं।
- यह योजना राज्य के सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर लागू होती है।
अब 25 अप्रैल तक कर सकते हैं आवेदन
शिक्षा विभाग ने पहले 22 अप्रैल 2025 को आवेदन की अंतिम तिथि घोषित की थी, लेकिन अब इसे चार दिन और बढ़ाकर 25 अप्रैल 2025 कर दिया गया है।
इस फैसले से उन माता-पिता को राहत मिली है जो अभी तक ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाए थे या पोर्टल की तकनीकी समस्याओं के चलते प्रक्रिया पूरी नहीं कर सके थे।
कौन से बच्चे ले सकते हैं फ्री दाखिले का लाभ ?
शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, निम्नलिखित वर्गों के बच्चे आरटीई के तहत फ्री एडमिशन के लिए पात्र हैं:
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चे
- HIV प्रभावित बच्चे
- विशेष आवश्यकता वाले बच्चे (Divyang)
- युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की संतानें
- अनुसूचित जाति (SC), पिछड़ा वर्ग-ए और पिछड़ा वर्ग-बी श्रेणी के बच्चे
इन सभी वर्गों के लिए सरकार ने आरक्षित सीटों का प्रतिशत भी तय किया है:
- SC के लिए 8%
- OBC-A के लिए 4%
- OBC-B के लिए 2.5%
उज्जवल पोर्टल पर करना होगा ऑनलाइन आवेदन
राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने के लिए “उज्जवल पोर्टल” शुरू किया है।
- अभिभावकों को बच्चे की जन्म तिथि, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र के साथ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- आवेदन केवल स्कूल की सबसे पहली कक्षा में ही स्वीकार किए जाएंगे।
- जिन स्कूलों में कई पूर्व-प्राथमिक कक्षाएं होती हैं, उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि उनकी सबसे छोटी कक्षा कौन-सी है।
जिन स्कूलों ने नहीं की पालन की तैयारी उनकी मान्यता रद्द हो सकती है
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो निजी स्कूल RTE नियमों के अनुसार सीटें आरक्षित नहीं करेंगे या उज्जवल पोर्टल पर जानकारी अपडेट नहीं करेंगे, उनकी मान्यता रद्द की जा सकती है।
वर्तमान में राज्य में कुल 10,701 निजी मान्यता प्राप्त स्कूल हैं, जिनमें से:
- 7,565 स्कूलों ने प्रक्रिया शुरू कर दी है
- जबकि 3,134 स्कूल अभी भी पीछे हैं
इन स्कूलों को तुरंत आरटीई के अनुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।
शिक्षा का अधिकार अब किसी वर्ग तक सीमित नहीं
आरटीई अधिनियम का मुख्य उद्देश्य है कि हर बच्चा, चाहे वह किसी भी आर्थिक या सामाजिक वर्ग से हो, उसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का समान अवसर मिले।
इस पहल से:
- गरीब बच्चों को अच्छे स्कूलों में शिक्षा मिलेगी
- निजी स्कूलों में सामाजिक समरसता बढ़ेगी
- शिक्षा के स्तर में समग्र सुधार होगा
अभिभावकों के लिए जरूरी सलाह
- 25 अप्रैल से पहले आवेदन जरूर करें
जितनी जल्दी आवेदन करेंगे, उतनी ही जल्दी सीट सुरक्षित होगी। - सभी दस्तावेज तैयार रखें
जैसे आधार, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि। - उज्जवल पोर्टल पर सही जानकारी भरें
गलत या अधूरी जानकारी के कारण आवेदन रिजेक्ट हो सकता है। - स्कूल की पहली कक्षा का चयन सही करें
कुछ स्कूल नर्सरी से शुरू होते हैं, कुछ LKG से ध्यान से देखें।
शिक्षा सबका अधिकार है न कि विशेष अधिकार
हरियाणा सरकार ने समय पर कार्रवाई करते हुए गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जोड़ने की एक सशक्त पहल की है। आरटीई के तहत मुफ्त दाखिले की सुविधा न केवल सामाजिक समानता को बढ़ावा देती है, बल्कि यह देश के भविष्य निर्माण में भी अहम भूमिका निभाती है।