Jaipur Metro Line: राजस्थान की राजधानी जयपुर में मेट्रो सेवा को और अधिक व्यापक और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। जयपुर मेट्रो के दूसरे चरण (Phase-2) का ड्राफ्ट डीपीआर अब अंतिम रूप में तैयार है और इसमें प्रस्तावित रूट, स्टेशन, कॉरिडोर की संरचना और लागत से जुड़ी अहम जानकारियाँ सामने आई हैं। यह परियोजना न केवल ट्रैफिक की भीड़ को कम करेगी बल्कि जयपुर को एक स्मार्ट, टिकाऊ और आधुनिक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली से भी जोड़ देगी।
फेज-2 का रूट सीतापुरा से पिंजरापोल गौशाला तक
जयपुर मेट्रो फेज-2 की कुल लंबाई लगभग 40 किलोमीटर होगी। इस मार्ग की शुरुआत सीतापुरा से होगी और यह पिंजरापोल गौशाला तक जाएगा। इस पूरे रूट में 35 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें से 34 स्टेशन एलिवेटेड (सड़क से ऊपर) होंगे, जबकि केवल एक स्टेशन भूमिगत होगा, जो कि सांगानेर थाना के पास बनेगा।
10,500 करोड़ की लागत से बनेगा 90% एलिवेटेड कॉरिडोर
इस प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत 10,500 करोड़ रुपये है। खास बात यह है कि पूरा रूट लगभग 90 प्रतिशत एलिवेटेड होगा, जिससे सड़क पर ट्रैफिक पर कोई असर नहीं पड़ेगा और यात्रियों को एक तेज़, सुविधाजनक और प्रदूषण-मुक्त यात्रा अनुभव मिलेगा।
20 से 25 लाख लोगों को सीधा लाभ
इस मेट्रो रूट से जयपुर के करीब 20 से 25 लाख लोगों को सीधा फायदा होगा। यह कॉरिडोर शहर के व्यस्ततम इलाकों से होकर गुजरेगा, जैसे कि सांगानेर, टोंक रोड, अशोक मार्ग, सिंधी कैंप, पानीपेच और सीकर रोड। इससे उन लोगों को भी राहत मिलेगी जो रोजाना ऑफिस, बाजार या शिक्षा संस्थानों के लिए इन रूट्स पर यात्रा करते हैं।
मेट्रो की दिशा और मुख्य स्टेशन
- सीतापुरा से पिंजरापोल गौशाला तक एलिवेटेड रूट।
- गौशाला के पास एलिवेटेड स्टेशन के बाद सांगानेर फ्लाईओवर के नीचे भूमिगत स्टेशन बनाया जाएगा।
- मेट्रो फिर से सांगानेर थाना से निकलेगी और बी-2 बायपास चौराहा, दुर्गापुरा, गोपालपुरा, अशोक रोड से होते हुए चलेगी।
- यह रूट कलक्ट्रेट, पानीपेच, अंबाबाड़ी, हरमाड़ा, और टोडी मोड़ तक फैलेगा।
कहाँ-कहाँ होगा विशेष निर्माण
- गोपालपुरा फ्लाईओवर और टोंक फाटक आरओबी जैसे व्यस्त स्थलों पर पिलर आधारित कोरिडोर बनेगा।
- सीकर रोड पर मौजूदा BRTs कॉरिडोर के बीच से ही मेट्रो निकाली जाएगी जिससे अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
फेज-2 के तहत जयपुर एयरपोर्ट, इंडस्ट्रियल एरिया, शैक्षणिक संस्थान, सरकारी दफ्तर, अस्पताल, मॉल्स और आवासीय कॉलोनियों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ने का लक्ष्य है। इससे ना केवल आम लोगों को फायदा होगा बल्कि यह जयपुर के ट्रैफिक को सरल बनाएगा।
रोजगार और आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस मेट्रो परियोजना से जयपुर में स्थानीय स्तर पर रोजगार के हजारों नए अवसर पैदा होंगे। निर्माण कार्य, स्टेशन संचालन, मेट्रो तकनीशियन, टिकटिंग सिस्टम, सुरक्षा और प्रशासनिक पदों पर बड़ी संख्या में भर्ती की जाएगी।
स्मार्ट सिटी मिशन के लिए बड़ा कदम
जयपुर मेट्रो का दूसरा चरण, केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन और ग्रीन ट्रांसपोर्ट विजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह शहर को अधिक टिकाऊ, हरित और पर्यावरण-अनुकूल बनाएगा। साथ ही, यह योजना जयपुर की कार्बन फुटप्रिंट को भी कम करने में मदद करेगी।