New GreenField Expressway: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से नोएडा स्थित जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जोड़ने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेज़ गति से चल रहा है। फरीदाबाद के मोहना गांव में सड़क के ऊपर पिलर खड़े किए जा चुके हैं और उन पर गर्डर भी रख दिए गए हैं। यह एक्सप्रेसवे न केवल एक आधुनिक मार्ग के रूप में उभर रहा है, बल्कि यह उत्तर भारत के परिवहन नेटवर्क को पूरी तरह बदलने वाला है।
जल्द शुरू होगी वाहन आवाजाही इस साल पूरा होगा निर्माण
यमुना नदी से लेकर मोहना इंटरचेंज और कई अन्य स्थानों पर एक्सप्रेसवे के हिस्सों का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि यमुना नदी पर छह लेन का एक नया पुल भी बनाया जा रहा है, जो इस रूट की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा। निर्माण एजेंसियों का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 की शुरुआत में इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाए।
कहां से कहां तक बनेगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे ?
यह नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे फरीदाबाद के सेक्टर-65 के पास स्थित लिंक रोड से शुरू होकर जेवर एयरपोर्ट तक जाएगा। कुल लंबाई 31 किलोमीटर है, जिसमें 7 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में और 24 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में आता है। इस परियोजना के लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 12 से अधिक गांवों की लगभग 1,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है।
एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स होंगे विशेष
मोहना इंटरचेंज के पास इस एक्सप्रेसवे पर एंट्री और एग्जिट के विशेष पॉइंट्स बनाए जा रहे हैं, ताकि यात्री आसानी से इस हाई-स्पीड कॉरिडोर से जुड़ सकें। भविष्य में इन एंट्री पॉइंट्स के माध्यम से आसपास के औद्योगिक क्षेत्र और रिहायशी कॉलोनियों को भी लाभ मिलेगा।
कई हाइवे से होगी सीधी कनेक्टिविटी
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी विशेषता इसकी शानदार कनेक्टिविटी है:
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से सीधा जुड़ाव मिलेगा।
- KGP एक्सप्रेसवे (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) से लिंक होकर यह जेवर एयरपोर्ट तक पहुंचेगा।
- यमुना एक्सप्रेसवे, IGI एयरपोर्ट, और नेशनल हाईवे फरीदाबाद से भी एक्सेस मिलेगा।
इससे दिल्ली-NCR, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के यात्रियों को हवाई यात्रा के लिए समय की बचत होगी और जाम से भी राहत मिलेगी।
क्या होगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से फायदा ?
- सड़क यातायात में तेज़ी और सुविधा: ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के चालू होने से फरीदाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक की दूरी आधे से भी कम समय में तय की जा सकेगी।
- औद्योगिक और रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा: फरीदाबाद, बल्लभगढ़, मोहना, ग्रेटर नोएडा व यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में प्रॉपर्टी की कीमतों में इजाफा संभावित है।
- पर्यटन और लॉजिस्टिक्स को मिलेगा लाभ: जेवर एयरपोर्ट के शुरू होने से पहले ही यह एक्सप्रेसवे लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर की नींव रखेगा।
- पर्यावरण के अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर: यह प्रोजेक्ट ग्रीन कॉरिडोर के रूप में भी विकसित किया जा रहा है, जिससे कम प्रदूषण और अधिक हरियाली सुनिश्चित की जा सकेगी।
जेवर एयरपोर्ट की उड़ानों के लिए होगा बड़ा सपोर्ट
देश का सबसे बड़ा और अपेक्षित हवाई अड्डा – नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) – जैसे-जैसे तैयार हो रहा है, वैसे-वैसे इस तरह की संपर्क परियोजनाएं उसके संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इस एक्सप्रेसवे के जरिए दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों लोगों को सीधी और तेज़ कनेक्टिविटी मिलेगी।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से बदलेगा उत्तर भारत का ट्रांसपोर्ट चेहरा
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे न केवल एक नई सड़क परियोजना है, बल्कि यह उत्तर भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक विकास को नई दिशा देने वाला कदम है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जेवर एयरपोर्ट को जोड़ने वाला यह प्रोजेक्ट आने वाले वर्षों में लाखों लोगों के लिए यात्रा को आसान, तेज और सुरक्षित बनाएगा। इसके पूरा होने के बाद यह क्षेत्र स्मार्ट कनेक्टिविटी का नया उदाहरण बनेगा।