देश की इकलौती ट्रेन जिसमें मुफ्त लगता है लंगर, फ्री में खा सकते है भरपेट खाना Indian Railway

Indian Railway: भारतीय रेलवे दुनियाभर के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है, जो हर दिन करोड़ों लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का कार्य करता है। देशभर में रेलवे ने 13,000 से भी अधिक ट्रेनों को रूट पर लगा रखा है, जिनमें सुपरफास्ट एक्सप्रेस से लेकर जनरल ट्रेनें और कुछ विशेष धार्मिक ट्रेनें भी शामिल हैं। हर ट्रेन की अपनी खासियत होती है, लेकिन इन सभी ट्रेनों में एक ट्रेन ऐसी है जो सिर्फ सफर ही नहीं कराती, बल्कि यात्रियों को सफर के दौरान मुफ्त भोजन भी उपलब्ध कराती है।

सिर्फ एक ट्रेन जिसमें ब्रेकफास्ट लंच और डिनर सब फ्री में मिलता है

आमतौर पर भारतीय रेलवे की ट्रेनों में खाना मिलता जरूर है, लेकिन उसके लिए यात्रियों को भुगतान करना पड़ता है। चाहे आप राजधानी एक्सप्रेस में हों या शताब्दी में हर जगह खाने की एक निश्चित कीमत होती है। मगर ‘सचखंड एक्सप्रेस’ इस मामले में बिल्कुल अलग है। यह ट्रेन एकमात्र ऐसी ट्रेन है जिसमें यात्रा के दौरान नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना – सब कुछ मुफ्त में परोसा जाता है, वो भी बिना किसी टिकट श्रेणी के भेदभाव के।

कहाँ से कहाँ जाती है ये विशेष ट्रेन ?

सचखंड एक्सप्रेस (Train Number 12715/12716) महाराष्ट्र के नांदेड़ शहर से पंजाब के अमृतसर शहर तक चलती है। यह ट्रेन दो पवित्र सिख धार्मिक स्थलों – श्री हजूर साहिब (नांदेड़) और श्री हरमंदिर साहिब (अमृतसर) के बीच यात्रा कराती है। ये दोनों ही स्थान सिख धर्म के समर्थक के लिए अत्यंत श्रद्धा के केंद्र हैं। इस ट्रेन को शुरू हुए करीब 29 साल हो चुके हैं, और तब से ही इसमें सफर करने वाले श्रद्धालुओं को लंगर सेवा के रूप में खाना परोसा जाता है।

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6 जगहों पर यात्रियों को मिलता है लंगर का खाना

सचखंड एक्सप्रेस लगभग 2,000 किलोमीटर की दूरी तय करती है और इस दौरान 39 स्टेशनों पर इसका ठहराव होता है। पूरे सफर के दौरान कुल 6 प्रमुख स्थानों पर यात्रियों को फ्री में भोजन दिया जाता है। ये स्थान हैं:

  1. परभणी
  2. जालना
  3. औरंगाबाद
  4. भोपाल
  5. नई दिल्ली
  6. मराठवाड़ा के अन्य इलाके

यहां गुरुद्वारों की सहायता से भोजन व्यवस्था की जाती है। हर स्टेशन पर एक अलग तरह का लंगर मिलता है और यात्रियों को सादगी से, लेकिन प्रेमपूर्वक खाना परोसा जाता है।

लंगर का खर्च कौन उठाता है जानिए इसके पीछे की व्यवस्था

इस ट्रेन में भोजन परोसने की सेवा रेलवे की ओर से नहीं, बल्कि सिख संगतों और गुरुद्वारों द्वारा दी जाती है। गुरुद्वारों को मिलने वाले दान और सेवा भाव से जुड़े लोगों के सहयोग से लंगर की पूरी व्यवस्था की जाती है। खाने में आमतौर पर कढ़ी-चावल, दाल-चावल, आलू-सब्जी, खिचड़ी, छोले आदि परोसे जाते हैं।
यात्रियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता और जनरल से लेकर एसी कोच में सफर करने वाले सभी लोग इस भोजन सेवा का लाभ ले सकते हैं।

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खाने के लिए यात्री अपने साथ लाते हैं बर्तन

चूंकि यह सेवा किसी व्यावसायिक एजेंसी द्वारा नहीं, बल्कि धार्मिक भावना से दी जाती है, इसलिए यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने खुद के बर्तन साथ लेकर चलें। कई यात्री थाली, कटोरी, गिलास और चम्मच साथ रखते हैं ताकि लंगर सेवा में सुविधा बनी रहे और कोई झंझट न हो। कुछ जगहों पर गुरुद्वारों में डिस्पोजेबल प्लेट्स भी दी जाती हैं, लेकिन ज़्यादातर लोग अपनी थाली में ही भोजन ग्रहण करते हैं।

श्रद्धा के साथ सफर ये ट्रेन है भक्ति सेवा और समानता का प्रतीक

सचखंड एक्सप्रेस केवल एक साधारण ट्रेन नहीं है, यह एक आध्यात्मिक यात्रा का माध्यम है। इसमें यात्रा करने वाले अधिकतर यात्री गुरुद्वारा साहिब के दर्शन के उद्देश्य से यात्रा करते हैं। ट्रेन में सेवा भाव इतना गहरा है कि भले ही यात्री अलग-अलग राज्यों, जातियों, भाषाओं और वर्गों से हों, लेकिन सभी को एक जैसी सेवा मिलती है। यही तो लंगर की असली भावना है, बिना भेदभाव, सभी को भोजन।

सचखंड एक्सप्रेस का समय और सफर की अवधि

  • Train Number: 12715 (नांदेड़ से अमृतसर) / 12716 (अमृतसर से नांदेड़)
  • सफर की दूरी: लगभग 2,000 किलोमीटर
  • समय: लगभग 33 घंटे
  • स्टॉपेज: 39 स्टेशन
  • सप्ताह में चलने के दिन: दोनों दिशाओं में हर दिन

सेवा और श्रद्धा की मिसाल है सचखंड एक्सप्रेस

जब पूरा देश डिजिटल पेमेंट, टिकट प्राइस और फूड चार्जेस में उलझा हुआ है, तब सचखंड एक्सप्रेस उन यात्रियों को सच्चे सेवा भाव से जुड़ने का मौका देती है। यह ट्रेन सिर्फ एक मंज़िल तक नहीं ले जाती, बल्कि भक्ति, एकता और सेवा का संदेश देती है। 29 वर्षों से बिना रुके, बिना किसी विज्ञापन के यह ट्रेन सच्ची मानव सेवा का प्रतीक बन चुकी है।

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