Haryana Bijli Chori: हरियाणा में बिजली चोरी एक गंभीर समस्या रही है, जिससे सरकार को हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। इस नुकसान को रोकने और बिजली वितरण व्यवस्था को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए अब सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बिजली चोरी पर लगाम कसने के लिए अब निरीक्षण टीमों को बॉडी कैमरे और खास निगरानी उपकरणों से लैस किया जाएगा, ताकि मौके पर की जाने वाली कार्यवाही की पूरी रिकॉर्डिंग हो और कोई भी गड़बड़ी न हो।
विशेष टीमों का गठन तकनीकी निगरानी से होगी पकड़
बिजली विभाग की ओर से राज्यभर में अलग-अलग क्षेत्रों में बिजली चोरी पकड़ने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। इन टीमों के साथ अब बॉडी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि जांच के दौरान पूरी कार्रवाई को रिकॉर्ड किया जा सके। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि न केवल उपभोक्ता बल्कि विभाग के कर्मचारी भी किसी गड़बड़ी में शामिल न हों।
मासिक चोरी रिपोर्ट को दो वर्गों में किया जाएगा विभाजित
बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि मासिक चोरी रिपोर्ट को उपभोक्ता और गैर-उपभोक्ता वर्ग में विभाजित किया जाए। यानी जिन लोगों के नाम पर कनेक्शन है, वे उपभोक्ता की श्रेणी में आएंगे, और बिना नामांकित लोगों को गैर-उपभोक्ता श्रेणी में रखा जाएगा।
बिना वीडियो मामलों में दस्तावेजों के आधार पर होगी चार्जशीट
जिन मामलों में चोरी का वीडियो साक्ष्य उपलब्ध नहीं है, वहां विभाग को निर्देश दिया गया है कि उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर अदालत में चार्जशीट दाखिल की जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि बिजली चोरी के मामलों में देरी न हो और दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके।
प्रभावशाली वकीलों का पैनल करेगा निगरानी
बिजली चोरी और इससे जुड़े वसूली मामलों को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए सरकार अच्छे अधिवक्ताओं का एक विशेष पैनल तैयार करेगी। यह पैनल उन मामलों की निगरानी करेगा जो अदालत में लंबित हैं और जिनमें सरकारी राजस्व की वसूली होनी है।
उपभोक्ताओं को भी मिलेगी राहत
इस अभियान का एक बड़ा फायदा यह भी होगा कि ईमानदार उपभोक्ताओं पर गलत तरीके से कोई दबाव नहीं डाला जा सकेगा। पहले कई बार देखा गया था कि निरीक्षण टीमों द्वारा बिना पुख्ता सबूत के उपभोक्ताओं पर जुर्माना लगाया जाता था। लेकिन अब हर कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग से स्थिति स्पष्ट रहेगी।
तकनीकी उपकरणों से मिलेगा अभियान को बल
बिजली विभाग की टीमें अब हाईटेक डिवाइसेज जैसे बॉडी कैमरा, पोर्टेबल टेस्टिंग मीटर, जीपीएस लोकेशन ट्रैकर आदि से लैस की जा रही हैं। इससे रियल टाइम पर डेटा संग्रहण और कार्रवाई की रिपोर्टिंग संभव होगी। साथ ही, यह उपकरण विभाग को फील्ड स्तर पर तेजी से कार्रवाई करने में भी मदद करेंगे।
बिजली चोरी रोकने का सीधा लाभ आर्थिक घाटा होगा कम
हरियाणा में बिजली चोरी के चलते विभाग को हर साल सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। यह नुकसान अंततः आम उपभोक्ताओं पर ही भार के रूप में आता है। इस नए अभियान से सरकार को उम्मीद है कि:
- राजस्व में इजाफा होगा
- बिजली वितरण प्रणाली मजबूत होगी
- विद्युत दरों में वृद्धि पर लगाम लगेगी
- बिजली आपूर्ति अधिक सुचारू होगी
पारदर्शिता और तकनीक से सुधरेगी व्यवस्था
हरियाणा सरकार का यह कदम न केवल बिजली चोरी पर प्रभावी रोक लगाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है, बल्कि यह सार्वजनिक सेवा वितरण में पारदर्शिता और तकनीकी क्षमता का बेहतरीन उदाहरण भी है।