Education Department Action: उत्तर भारत में अप्रैल की शुरुआत के साथ ही तेज़ गर्मी और लू का असर महसूस होने लगा है। सुबह 10 बजे ही दोपहर जैसी चुभती धूप निकल रही है, जिससे छोटे बच्चों की सेहत पर खतरा बढ़ गया है। इसी को देखते हुए शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि छात्रों को गर्मी से राहत दी जा सके और उनका स्वास्थ्य सुरक्षित रखा जा सके।
अब स्कूलों में तीन बार बजेगी ‘पानी पीने की घंटी’
शिक्षा विभाग ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि अब पूरे दिन में कम से कम तीन बार विद्यार्थियों को पानी पीने की याद दिलाने के लिए घंटी बजाई जाएगी।
- पहली घंटी: सुबह की पहली कक्षा के बाद
- दूसरी घंटी: मिड-डे मील या लंच से पहले
- तीसरी घंटी: छुट्टी से ठीक पहले
इस पहल का उद्देश्य यह है कि बच्चे दिनभर हाइड्रेटेड रहें, जिससे लू और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं से बचा जा सके।
खुले में नहीं होंगे कार्यक्रम सुबह 10 बजे से पहले ही जरूरी आयोजन
गर्मी के बढ़ते असर को देखते हुए यह आदेश भी जारी किया गया है कि:
- कोई भी स्कूल कार्यक्रम खुली धूप में आयोजित नहीं किया जाएगा।
- यदि कोई कार्यक्रम आवश्यक है तो सुबह 10 बजे से पहले ही उसका आयोजन करना होगा।
- विद्यार्थियों को धूप में बैठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों को आयुष विभाग से संपर्क करने को भी कहा है, ताकि स्वास्थ्य संबंधित जागरूकता और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था समय पर हो सके।
शिक्षक जानेंगे रोजाना मौसम का पूर्वानुमान छात्रों को देंगे जानकारी
अब स्कूलों में शिक्षक प्रतिदिन सुबह सबसे पहले मौसम विभाग की रिपोर्ट देखेंगे और उस दिन के मौसम की जानकारी विद्यार्थियों को भी देंगे।
- इससे विद्यार्थी पहले से जान सकेंगे कि उस दिन गर्मी, धूप या लू का खतरा कितना है।
- इसके साथ ही उन्हें गर्मी से बचने के उपाय भी बताए जाएंगे।
शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कक्षा में बच्चों से यह चर्चा करें कि गर्मी में कौन-कौन सी बातें ध्यान रखनी चाहिए, जैसे –
- बार-बार पानी पीना
- धूप में बाहर न जाना
- हल्के और सूती कपड़े पहनना
- धूप में खाली पेट बाहर न निकलना
पौष्टिक आहार और हाइड्रेशन की दी जाएगी जानकारी
गर्मी में सही खानपान का बहुत बड़ा महत्व होता है। इसी को देखते हुए अब विद्यार्थियों को यह जानकारी दी जाएगी कि उन्हें किन चीजों का सेवन करना चाहिए:
- मौसमी फल जैसे खीरा, तरबूज, संतरा
- घर का बना सादा खाना
- बाजार के तले-भुने और कोल्ड ड्रिंक जैसे उत्पादों से बचाव
- मिड-डे मील के दौरान छात्रों को अच्छे खानपान की अहमियत समझाई जाएगी
हर स्कूल में ORS की व्यवस्था रेडक्रॉस फंड से होगी खरीदारी
शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि रेडक्रॉस फंड के माध्यम से सभी सरकारी स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में ORS (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) रखा जाए।
- लू लगने या डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखने पर बच्चों को तुरंत ORS दिया जाएगा।
- प्रत्येक स्कूल को इमरजेंसी मेडिकेशन की बेसिक किट भी तैयार रखने को कहा गया है।
यह फैसला उन ग्रामीण स्कूलों के लिए बहुत उपयोगी होगा जहां तुरंत चिकित्सा सुविधा पहुंचाना कठिन होता है।
स्कूल खिड़कियों पर रिफ्लेक्टर और फॉयल से गर्मी को रोका जाएगा
स्कूलों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे खिड़कियों और दरवाजों को ऐसे ढंकें, जिससे धूप और गर्म हवा सीधे अंदर न आ सके। इसके लिए:
- रिफ्लेक्टिव शीट्स
- एल्युमिनियम फॉयल
- मोटे कार्डबोर्ड का उपयोग करे
इस उपाय से कक्षाओं का तापमान सामान्य बना रहेगा और बच्चे लंबे समय तक आराम से पढ़ाई कर सकेंगे।
शिक्षकों की भूमिका होगी अहम लगातार की जाएगी निगरानी
हर स्कूल में प्रधानाचार्य और सीनियर टीचर्स की जिम्मेदारी होगी कि इन सभी उपायों का पालन हो रहा है या नहीं।
- निरीक्षण के लिए बीईओ स्तर पर निगरानी टीमों को भी सक्रिय किया जाएगा।
- कोई भी स्कूल इन निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है।
बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने उठाया सराहनीय कदम
गर्मी का मौसम न केवल परेशान करने वाला होता है, बल्कि यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी बन सकता है। ऐसे में शिक्षा निदेशालय द्वारा समय रहते तीन बार पानी पीने की घंटी, मौसम जानकारी, ORS व्यवस्था, और कक्षा में जागरूकता जैसे कदम उठाना एक सकारात्मक और सराहनीय प्रयास है।