Dry Cleaning Process: गर्मी का मौसम दस्तक दे चुका है और अब अलमारी से सर्दियों के कपड़े हटाकर हल्के कपड़े निकालने का समय है। लेकिन सर्दियों के ऊनी कपड़े रखने से पहले अधिकतर लोग उन्हें ड्राई क्लीन करवाते हैं। सिर्फ सर्दियों के ही नहीं, कई लोग गर्मियों के महंगे या डेलीकेट कपड़ों को भी ड्राई क्लीनिंग के लिए भेजते हैं।
ड्राई क्लीनिंग और सामान्य धुलाई में क्या अंतर है ?
जब हम घर में कपड़े धोते हैं, तो उसमें हम पानी और डिटर्जेंट का इस्तेमाल करते हैं। यह प्रक्रिया वेट वॉश कहलाती है। इसके विपरीत, ड्राई क्लीनिंग में कपड़े धोने के लिए पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता। यही कारण है कि इसे ‘ड्राई’ यानी ‘सूखी’ धुलाई कहा जाता है। लेकिन यह नाम थोड़ा भ्रमित करता है, क्योंकि ड्राई क्लीनिंग में भी लिक्विड सॉल्वैंट्स का उपयोग होता है। फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें पानी की बजाय विशेष प्रकार के केमिकल्स का उपयोग होता है।
कौन-से रसायन इस्तेमाल होते हैं ड्राई क्लीनिंग में ?
ड्राई क्लीनिंग में सबसे आम इस्तेमाल होने वाला सॉल्वैंट है – टेट्राक्लोरोएथिलीन या पर्क्लोरोइथिलीन (Perc)। यह एक प्रकार का कार्बनिक रसायन होता है जो दाग-धब्बों को बड़ी आसानी से हटाने में सक्षम होता है। इसके अलावा कुछ आधुनिक ड्राई क्लीनिंग शॉप्स अब सिलिकॉन-आधारित सॉल्वैंट्स या हाइड्रोकार्बन सॉल्वैंट्स का उपयोग करने लगी हैं जो पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होते हैं।
कौन-से कपड़े होते हैं ड्राई क्लीनिंग के लिए उपयुक्त ?
हर कपड़ा ड्राई क्लीनिंग के लिए उपयुक्त नहीं होता। आमतौर पर ये कपड़े ड्राई क्लीन किए जाते हैं:
- सिल्क (रेशमी कपड़े)
- ऊनी कपड़े जैसे स्वेटर, कोट
- मखमल (Velvet)
- महंगे डिजाइनर गारमेंट्स
- ब्राइडल या पार्टी वियर ड्रेस
यदि किसी कपड़े के टैग पर “Dry Clean Only” लिखा है, तो उसे घर पर धोने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
ड्राई क्लीनिंग की पूरी प्रक्रिया क्या होती है ?
- जांच और टैगिंग:
कपड़ों को सबसे पहले चेक किया जाता है और टैग लगाकर अलग-अलग श्रेणी में रखा जाता है। - प्री-ट्रीटमेंट:
जहां दाग या गंदगी ज्यादा होती है, वहां पहले सॉल्वैंट्स से प्री-ट्रीटमेंट किया जाता है। - क्लीनिंग मशीन में प्रोसेसिंग:
कपड़ों को एक बड़ी ड्राई क्लीनिंग मशीन में डाला जाता है, जहां उन्हें सॉल्वैंट्स के साथ घुमाया जाता है। - ड्राई और वाष्पीकरण:
कपड़ों से सॉल्वैंट्स को वाष्पित किया जाता है ताकि कपड़े पूरी तरह से सूख जाएं। - प्रेसिंग और फिनिशिंग:
अंत में कपड़ों को प्रेस कर पैकिंग के लिए तैयार किया जाता है।
ड्राई क्लीनिंग के नुकसान और सावधानियां
हालांकि ड्राई क्लीनिंग कपड़ों के लिए सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन कुछ स्थितियों में यह नुकसानदेह भी हो सकती है:
- बार-बार ड्राई क्लीनिंग से कपड़े की चमक या रंग फीका पड़ सकता है
- इस्तेमाल किए गए कुछ केमिकल्स त्वचा या सांस की एलर्जी पैदा कर सकते हैं
- गलत कपड़े को ड्राई क्लीन करने से वह सिकुड़ सकता है या खराब हो सकता है
हमेशा कपड़े के लेबल को ध्यान से पढ़ें और सिर्फ आवश्यक कपड़ों की ही ड्राई क्लीनिंग कराएं।
ड्राई क्लीनिंग इंडस्ट्री क्यों हो रही है लोकप्रिय ?
डिजाइनर कपड़ों की मांग बढ़ने के साथ ही ड्राई क्लीनिंग इंडस्ट्री भी तेजी से बढ़ रही है। लोग चाहते हैं कि उनके महंगे और नाज़ुक कपड़े लंबे समय तक नए जैसे दिखें। इसके अलावा:
- वर्किंग प्रोफेशनल्स के पास समय की कमी होती है
- शादी और इवेंट्स के बाद कपड़े जल्दी साफ करवाने की जरूरत होती है
- ब्रांडेड गारमेंट्स के रख-रखाव में ड्राई क्लीनिंग जरूरी हो जाती है
ड्राई क्लीनिंग की लागत कितनी होती है ?
यह इस बात पर निर्भर करता है कि:
- कपड़ा कौन-सा है (साड़ी, सूट, कोट आदि)
- कपड़े की लंबाई/मोटाई
- सॉल्वैंट और प्रोसेसिंग
औसतन एक शर्ट की ड्राई क्लीनिंग ₹60-₹150 के बीच होती है, जबकि सूट, ब्राइडल ड्रेस आदि की कीमत ₹200 से ₹800 या उससे ज्यादा भी हो सकती है।
सही कपड़ों की करें ड्राई क्लीनिंग और बचाएं उन्हें लंबे समय तक
ड्राई क्लीनिंग एक विशेष और केयरफुल तरीका है कपड़ों को साफ करने का, जो सामान्य वॉशिंग से काफी अलग होता है। अगर आप अपने महंगे या नाज़ुक कपड़ों को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो उन्हें समय-समय पर ड्राई क्लीनिंग कराना जरूरी है।