Indian Railway Night Rule: भारतीय रेलवे (Indian Railways) देश की सबसे बड़ी और व्यस्ततम परिवहन व्यवस्था में से एक है, जो हर दिन करोड़ों यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा उपलब्ध कराता है। बेहतर सेवा और यात्री सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे समय-समय पर नियमों में बदलाव करता है। खासकर रात के समय (10 बजे के बाद) लागू होने वाले नियम यात्रियों की नींद और शांति को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं।
रात 10 बजे के बाद टीटीई टिकट चेक नहीं कर सकता
भारतीय रेलवे का स्पष्ट नियम है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक टीटीई (Traveling Ticket Examiner) टिकट जांच नहीं कर सकता, ताकि यात्री की नींद में खलल न पड़े।
- यह नियम उन यात्रियों पर लागू होता है जो यात्रा के दौरान पहले से ट्रेन में मौजूद होते हैं।
- हालांकि, अगर कोई यात्री रात 10 बजे के बाद बोर्ड करता है, तो टीटीई को उसका टिकट जांचने का पूरा अधिकार है।
- इसका उद्देश्य रात में चलने वाली ट्रेनों में अनावश्यक हलचल को रोकना और सो रहे यात्रियों को परेशान होने से बचाना है।
डिब्बों में मुख्य लाइटें बंद कर दी जाती हैं
रात 10 बजे के बाद सभी कोचों में सामान्य लाइट्स बंद कर दी जाती हैं और केवल नाइट लाइट चालू रहती है।
- यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि यात्रियों को चैन से नींद आ सके।
- अगर कोई यात्री अनावश्यक रूप से तेज लाइट जलाए रखता है, तो वह दूसरों की नींद में बाधा डालता है और उस पर रेलवे कार्रवाई कर सकता है।
- यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे सिर्फ जरूरत के समय ही पढ़ने या मोबाइल की लाइट का इस्तेमाल करें।
तेज आवाज में बात करना और गाना बजाना मना
ट्रेन में रात 10 बजे के बाद तेज आवाज में बात करना, मोबाइल पर तेज आवाज में गाने बजाना या वीडियो चलाना पूरी तरह वर्जित है।
- यह नियम इसलिए है ताकि सभी यात्री शांतिपूर्ण तरीके से यात्रा कर सकें।
- कई बार यात्रियों के ग्रुप मिलकर तेज आवाज में बातें करते हैं, जिससे दूसरे लोगों की नींद खराब होती है, ऐसे मामलों में रेलवे अब सख्ती से पेश आता है।
- रेलवे का कहना है कि अगर कोई यात्री नियम का उल्लंघन करता है, तो साथी यात्री TTE से शिकायत कर सकते हैं।
मिडिल बर्थ का इस्तेमाल नियम के अनुसार
रेलवे में एक आम समस्या यह होती है कि मिडिल बर्थ (बीच वाली सीट) वाला यात्री रात 10 बजे के बाद भी अपनी बर्थ खोल नहीं पाता क्योंकि लोअर बर्थ पर बैठे यात्री उसे रोके रहते हैं।
- रेलवे के नियम के अनुसार, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक मिडिल बर्थ वाला यात्री अपनी सीट खोल सकता है।
- लोअर बर्थ पर बैठे यात्री को उस समय तक सीट खाली करनी होगी ताकि मिडिल बर्थ का यात्री आराम से सो सके।
- अगर कोई यात्री ऐसा नहीं करता तो शिकायत की जा सकती है।
फोन कॉल पर लंबी और तेज बातचीत से बचें
अगर आप रात में किसी से फोन पर बात कर रहे हैं तो उसकी आवाज धीमी रखें।
- तेज आवाज में फोन पर बात करना अन्य यात्रियों को परेशान कर सकता है।
- रेलवे द्वारा यह भी अपील की गई है कि जरूरी होने पर व्हाट्सएप चैट या मैसेजिंग का विकल्प चुनें।
चार्जिंग पॉइंट्स का दुरुपयोग न करें
रात के समय चार्जिंग प्वाइंट्स पर भीड़ लगी रहती है।
- जरूरी है कि एक यात्री अपने मोबाइल या उपकरण को चार्ज करने के बाद दूसरों को भी मौका दे।
- रेलवे ने स्पष्ट किया है कि चार्जिंग प्वाइंट्स का लंबे समय तक उपयोग करना और दूसरे यात्रियों को रोकना सही नहीं है।
इन नियमों का पालन न करने पर हो सकती है कार्रवाई
रेलवे के इन नियमों का उल्लंघन करने पर यात्री को चेतावनी, जुर्माना या उतारने तक की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। भारतीय रेलवे एक्ट 1989 के तहत यह नियम बनाए गए हैं।
रात की यात्रा हो शांत और आरामदायक
भारतीय रेलवे का मकसद केवल यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाना नहीं बल्कि उन्हें एक बेहतर, सुरक्षित और आरामदायक अनुभव देना है। रात के समय लागू ये नियम यात्रियों की नींद, स्वास्थ्य और यात्रा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में सहायक हैं। अगर हर यात्री इन नियमों का पालन करे, तो यात्रा न सिर्फ आरामदायक बल्कि दूसरों के लिए भी सुखद बन सकती है।