पंजाब और दिल्ली के बीच दौड़ेगी बुलेट ट्रेन, इन स्टेशनों पर होगा ट्रेन का ठहराव Bullet Train

Bullet Train: पंजाब और हरियाणा के लोगों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है. केंद्र सरकार ने दिल्ली से अमृतसर के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना को मंजूरी दे दी है. इस फैसले के बाद न केवल आम यात्रियों के सफर को नया आयाम मिलेगा, बल्कि किसानों और जमीन मालिकों को भी बड़ा मुआवजा मिलने जा रहा है. इस प्रोजेक्ट से दिल्ली, हरियाणा और पंजाब को सीधे जोड़ने वाली एक तेज और आधुनिक परिवहन सेवा तैयार की जाएगी.

दिल्ली से अमृतसर तक 2 घंटे में सफर

बुलेट ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत इसकी तेज रफ्तार है. इस ट्रेन की अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा और औसत गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. इससे दिल्ली से अमृतसर के बीच की दूरी केवल 2 घंटे में तय की जा सकेगी, जो वर्तमान में साढ़े 6 से 7 घंटे तक लगती है. इससे समय की भारी बचत होगी और यात्रियों को सफर में सहूलियत मिलेगी.

ये होंगे प्रमुख स्टेशन: बड़े शहरों को मिलेगा फायदा

दिल्ली-अमृतसर बुलेट ट्रेन रूट पर कई बड़े शहरों और जिलों को जोड़ा गया है. इस रूट पर झज्जर, बहादुरगढ़, सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर और अंत में अमृतसर सहित कुल 15 स्टेशन होंगे. इससे पूरे उत्तर भारत के लाखों लोगों को सीधा फायदा होगा. इन शहरों के लोग अब तेज, सुरक्षित और समय बचाने वाला सफर कर पाएंगे.

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प्रोजेक्ट लागत और निर्माण की योजना

इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार करीब 61 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. यह परियोजना देश के सबसे बड़े बुनियादी ढांचा विकास योजनाओं में से एक मानी जा रही है. निर्माण कार्य जापानी तकनीक की मदद से किया जाएगा, जैसा कि अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में किया जा रहा है. सरकार की योजना है कि 2029 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर दिया जाए.

बुलेट ट्रेन में होंगे आधुनिक सुविधाओं वाले कोच

इस बुलेट ट्रेन में एक बार में 750 यात्री सफर कर सकेंगे. ट्रेन में आरामदायक सीटें, आधुनिक वॉशरूम, फूड सर्विस, वाई-फाई और डिजिटल डिस्प्ले जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित होगी और इसमें खास यात्रियों के लिए बिजनेस क्लास की सुविधा भी होगी.

जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया: किसानों को मिलेगा 5 गुना मुआवजा

इस परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के 343 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी. इसमें अकेले पंजाब के ही 185 गांव शामिल हैं. सरकार ने जमीन अधिग्रहण पर किसानों को मार्केट रेट से 5 गुना अधिक मुआवजा देने का ऐलान किया है, जिससे किसानों को बड़ा आर्थिक लाभ होगा.

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पंजाब के किन जिलों से ली जाएगी जमीन?

बुलेट ट्रेन रूट के तहत पंजाब के इन जिलों से जमीन ली जाएगी:

  • जालंधर: 49 गांव
  • मोहाली: 39 गांव
  • लुधियाना: 37 गांव
  • फतेहगढ़ साहिब: 25 गांव
  • अमृतसर: 22 गांव
  • कपूरथला: 12 गांव
  • रूपनगर और तरनतारन: 1-1 गांव

हरियाणा में भी झज्जर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र और अंबाला जिलों में कई गांवों की जमीन ली जाएगी.

किसानों और स्थानीय लोगों की राय

इस परियोजना को लेकर कई स्थानीय किसान और ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की है. उनका कहना है कि उन्हें सही मुआवजा मिलने पर वह सरकार का सहयोग करने को तैयार हैं. कुछ किसानों ने कहा कि अगर जमीन के बदले उचित पुनर्वास और मुआवजा मिले, तो इससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा.

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रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे

इस मेगा प्रोजेक्ट के निर्माण से हजारों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. निर्माण कार्य में इंजीनियर, मजदूर, ठेकेदार और सप्लायर सभी को काम मिलेगा. इसके अलावा स्टेशन और ट्रेन संचालन के लिए स्थायी नौकरियां भी निकलेंगी. इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.

पर्यटन और व्यापार को भी मिलेगा बढ़ावा

बुलेट ट्रेन के शुरू होने से अमृतसर, चंडीगढ़, और दिल्ली जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों तक यात्रियों की पहुंच आसान होगी, जिससे पर्यटन को नया बढ़ावा मिलेगा. साथ ही व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी, खासकर लुधियाना और अमृतसर जैसे औद्योगिक शहरों में.

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