भारत की इस ट्रेन को खिंचने में लगते है 6 इंजन, डिब्बों की संख्या जानकर आएगा चक्कर Longest Train India

Longest Train India: भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े और व्यस्ततम रेलवे नेटवर्कों में से एक है जो न सिर्फ यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी बनाए रखता है. समय-समय पर रेलवे ने कई ऐतिहासिक और रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धियां हासिल की हैं. इन्हीं में से एक है – ‘सुपर वासुकी’ जो भारत की अब तक की सबसे लंबी ट्रेन है. यह कोई आम ट्रेन नहीं बल्कि एक बेहद खास और शक्तिशाली मालगाड़ी (Freight Train) है जिसे देखकर हर भारतीय को गर्व महसूस होता है.

सुपर वासुकी

सुपर वासुकी को विशेष रूप से भारी माल ढोने के लिए तैयार किया गया है. इस ट्रेन की खासियत यह है कि इसे एक साथ 6 इंजनों से खींचा जाता है और इसमें कुल 295 वैगन (डिब्बे) जोड़े गए होते हैं. इसकी लंबाई करीब 3.5 किलोमीटर है जो इसे देश की सबसे लंबी रेलगाड़ी बना देती है. यह ट्रेन अपने विशाल आकार और अद्भुत क्षमता के कारण रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने वाली उपलब्धि बन चुकी है.

किस मौके पर चलाई गई थी सुपर वासुकी?

सुपर वासुकी को भारतीय स्वतंत्रता के 75वें अमृत महोत्सव के अवसर पर 15 अगस्त 2022 को पहली बार चलाया गया था. इस ऐतिहासिक मौके पर रेलवे ने अपनी तकनीकी क्षमता और मालवाहन के क्षेत्र में मजबूती का प्रदर्शन करते हुए इस ट्रेन को चलाया. यह प्रयोग भारतीय रेलवे के लिए मात्र एक उपलब्धि नहीं बल्कि एक इंजीनियरिंग चमत्कार साबित हुआ.

यह भी पढ़े:
REET 2025 Cut Off Marks रीट परीक्षा में Gen, OBC, SC, ST केटेगरी की कट ऑफ, ऐसे कर सकते है मोबाइल से चेक REET Cut Off 2025

कहां से कहां तक जाती है यह ट्रेन?

सुपर वासुकी की यात्रा छत्तीसगढ़ के कोरबा से महाराष्ट्र के राजनांदगांव (नागपुर मंडल) तक होती है. यह ट्रेन इस रूट पर करीब 11 घंटे 20 मिनट का समय लेती है. इस सफर के दौरान यह कोयला-बहुल क्षेत्रों से कोयले की ढुलाई का काम करती है. इस ट्रेन को चलाने का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों को ईंधन की आपूर्ति करना है.

एक बार में 27,000 टन कोयला ले जाने की क्षमता

सुपर वासुकी को विशेष रूप से इसलिए बनाया गया है ताकि यह एक बार में भारी मात्रा में कोयला या अन्य औद्योगिक सामग्री ढो सके. इसमें करीब 27,000 टन कोयला लादा जा सकता है जो सामान्य मालगाड़ियों की तुलना में तीन गुना अधिक है. इस मात्रा का कोयला लगभग 3,000 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाले संयंत्र को एक दिन की ऊर्जा देने में सक्षम है.

क्यों खास है सुपर वासुकी?

सुपर वासुकी को खास बनाने वाले प्रमुख बिंदु:

यह भी पढ़े:
PSEB Class 10 Results 2025 पंजाब बोर्ड 10वीं क्लास का रिजल्ट, ऐसे ऑनलाइन चेक कर सकते है अपना रिजल्ट Punjab Board Class 10th Result 2025
  • भारत की अब तक की सबसे लंबी ट्रेन
  • 6 शक्तिशाली इंजन जो एक साथ इसे खींचते हैं
  • 295 डिब्बों की क्षमता जो इसे विशाल रूप देती है
  • 3.5 किलोमीटर लंबाई जो किसी भी आम ट्रेन से कई गुना अधिक है
  • 27,000 टन कोयले की लोडिंग क्षमता जिससे बड़ी बिजली परियोजनाओं को ऊर्जा मिलती है
  • सिंगल रन में भारी माल की ढुलाई जिससे समय और ईंधन की बचत होती है

तकनीकी और परिचालन दृष्टिकोण से बड़ी चुनौती

सुपर वासुकी जैसी ट्रेन को संचालित करना भारतीय रेलवे के लिए तकनीकी और संचालन की दृष्टि से बड़ी चुनौती भी है. इसे चलाने के लिए समान गति संचार समन्वय और पावर सप्लाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. कई ड्राइवरों की टीम इसे एक साथ ऑपरेट करती है और विशेष प्रशिक्षण के बाद ही इस ट्रेन के संचालन की अनुमति दी जाती है.

भारतीय रेलवे का बढ़ता आत्मविश्वास

सुपर वासुकी के सफल संचालन ने यह दिखा दिया है कि भारतीय रेलवे अब न केवल यात्रियों के परिवहन में बल्कि मालवाहन क्षेत्र में भी विश्व स्तरीय क्षमता हासिल कर चुका है. इस ट्रेन ने बड़ी बिजली कंपनियों और उद्योगों के लिए माल सप्लाई को आसान बना दिया है. इसके जरिए रेलवे कम समय में अधिक माल पहुंचाने में सक्षम हो गया है जिससे लॉजिस्टिक्स सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव आया है.

पर्यावरणीय फायदे भी कम नहीं

जहां भारी मात्रा में माल की ढुलाई ट्रकों या अन्य साधनों से की जाती है वहां सुपर वासुकी जैसी ट्रेनें पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प बनकर सामने आती हैं. इससे ईंधन की खपत कम होती है कार्बन उत्सर्जन घटता है और सड़क परिवहन पर बोझ भी कम होता है. यह भारत के ग्रीन ट्रांसपोर्ट मिशन की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम है..

यह भी पढ़े:
Gold Rate on 19th April Evening शनिवार शाम को धड़ाम से गिरा सोने का भाव, जाने 1 तोला सोने की नई कीमत Gold Rate Today

Leave a Comment

WhatsApp Group