इस दवाई पर अचानक लगाया गया बैन, सख्त आदेश हुए जारी Medicine Ban

Medicine Ban: पंजाब में नशे की बढ़ती समस्या को देखते हुए कपूरथला जिला प्रशासन ने एक अहम और सख्त निर्णय लिया है. जिला मजिस्ट्रेट अमित कुमार पांचाल ने नागरिकता (सुरक्षा) अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रीगैबलिन (Pregabalin) कैप्सूल की अवैध बिक्री और खरीद पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. यह आदेश 15 अप्रैल से 13 जून 2025 तक जिले में प्रभावी रहेगा.

बिना लाइसेंस बिल और रिकॉर्ड के प्रीगैबलिन पर रोक

इस आदेश के अनुसार कपूरथला जिले की सीमा के भीतर कोई भी व्यक्ति या संस्था बिना वैध लाइसेंस बिना अधिकृत बिल या सटीक रिकॉर्ड के प्रीगैबलिन कैप्सूल न तो रख सकता है और न ही बेच या खरीद सकता है. साथ ही यदि कोई व्यक्ति निर्धारित मात्रा से अधिक कैप्सूल रखता है तो उस पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.

नशे के लिए हो रहा था दवा का दुरुपयोग

कपूरथला के सीनियर पुलिस अधीक्षक (SSP) ने जिला मजिस्ट्रेट को बताया कि कई खुफिया रिपोर्टों और नशा करने वालों से पूछताछ के दौरान यह सामने आया है कि प्रीगैबलिन कैप्सूल का दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है. यह दवा आम तौर पर नर्व सिस्टम से जुड़ी बीमारियों में दर्द कम करने के लिए दी जाती है लेकिन अब इसे नशे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे युवाओं और समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.

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आदेशों का उल्लंघन करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जो भी व्यक्ति या मेडिकल शॉप इन आदेशों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसमें लाइसेंस रद्द करने से लेकर एफआईआर दर्ज करने तक के विकल्प मौजूद हैं. सीनियर पुलिस अधीक्षक को इस आदेश के सख्त अनुपालन की जिम्मेदारी दी गई है.

आदेश पूरे जिले में व्यापक रूप से प्रचारित किया जाएगा

जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया है कि इस प्रतिबंध की जानकारी जिला लोक संपर्क अधिकारी द्वारा प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेलवे स्टेशन बस स्टैंड एसडीएम कार्यालय तहसील कार्यालय नगर परिषद और अन्य प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर नोटिस चिपकाकर दी जाएगी. इसका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक इस सख्त आदेश की जानकारी पहुंचाना है.

क्या होता है प्रीगैबलिन और क्यों हो रहा है दुरुपयोग?

प्रीगैबलिन (Pregabalin) एक दवा है जो आमतौर पर न्यूरोपैथिक दर्द मिर्गी और एंग्जायटी जैसे रोगों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है. लेकिन यह दवा यदि अधिक मात्रा में या बिना डॉक्टर की सलाह के ली जाए तो यह नशे की लत पैदा कर सकती है. यही कारण है कि अब यह दवा ड्रग्स की कैटेगरी में आ गई है और गैरकानूनी रूप से बेची और खरीदी जा रही है.

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नशा मुक्त पंजाब के संकल्प की दिशा में बड़ा कदम

पंजाब सरकार पहले ही नशे के खिलाफ ‘ड्रग-फ्री पंजाब’ मिशन चला रही है. इस मिशन के तहत पुलिस और प्रशासन नशा तस्करों और दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं. कपूरथला जिला प्रशासन का यह आदेश उसी अभियान का एक अहम हिस्सा है. इससे न केवल प्रीगैबलिन जैसी दवाओं के दुरुपयोग पर रोक लगेगी बल्कि समाज में नशे के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी.

मेडिकल दुकानों और डॉक्टरों की भूमिका भी अहम

इस आदेश के बाद अब जिले की सभी मेडिकल दुकानों और फार्मेसियों को सतर्क रहना होगा. उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रीगैबलिन दवा केवल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही दी जाए और उसकी सही एंट्री और रिकॉर्डिंग की जाए. डॉक्टरों को भी इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि वे इस दवा को फालतू या गलत मामलों में न लिखें.

जिला प्रशासन की त्वरित और जिम्मेदार पहल

इस आदेश को एकतरफा पास किया गया है जो यह दर्शाता है कि प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता और तात्कालिकता से लिया है. आम जनता को भी अब आगे आकर नशे के खिलाफ प्रशासन का सहयोग करना चाहिए. यदि किसी को इस दवा की अवैध बिक्री या भंडारण की जानकारी है तो उसे तुरंत स्थानीय पुलिस या प्रशासन को सूचित करना चाहिए.

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