किराए पर घर देते है तो हो जाए सावधान, ये एक गलती करवा देगी मोटा नुकसान House Renting Tips

House Renting Tips: आजकल बड़े शहर हो या छोटे कस्बे, घर या फ्लैट को किराए पर देना आम होता जा रहा है. इससे मकान मालिक को एक निश्चित आमदनी मिलती रहती है और खाली पड़े घर का उपयोग भी होता है. लेकिन कई बार बिना पूरी जांच-पड़ताल के किसी अनजान व्यक्ति को किराए पर घर देना बड़ी मुसीबत का कारण बन सकता है. ऐसे में ज़रूरी है कि मकान मालिक कुछ खास बातों को नजरअंदाज न करें.

बिना जांच के किराए पर न दें मकान

अक्सर देखा गया है कि मकान मालिक जल्दी में किसी भी व्यक्ति को घर किराए पर दे देते हैं, लेकिन बाद में जब किराएदार से विवाद होता है या कानून की समस्या सामने आती है. तब उन्हें पछताना पड़ता है. इसलिए जरूरी है कि किराएदार की पृष्ठभूमि की जांच, दस्तावेज़ों की पुष्टि और पुलिस वेरिफिकेशन जैसे जरूरी कदम जरूर उठाएं.

1. डिपॉजिट अमाउंट और लीगल रेंट एग्रीमेंट बनवाना जरूरी

किराए पर मकान देने से पहले सबसे जरूरी है एक कानूनी रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) तैयार करवाना. इसमें मकान मालिक और किराएदार के बीच तय की गई शर्तें लिखी जाती हैं जैसे:

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  • मासिक किराया
  • डिपॉजिट अमाउंट (सिक्योरिटी राशि)
  • किराए की अवधि
  • समय पर खाली करने की शर्त
  • मरम्मत की जिम्मेदारी किसकी होगी

इसके अलावा यह भी दर्ज करें कि किराएदार ने कितनी रकम बतौर सिक्योरिटी डिपॉजिट दी है. इससे भविष्य में होने वाले विवाद से बचा जा सकता है.

2. बिजली और पानी के बिल की जिम्मेदारी पहले तय करें

किराए पर मकान देने से पहले यह जरूर तय करें कि बिजली और पानी का बिल कौन देगा और कैसे. यदि मकान में अलग से बिजली का मीटर नहीं है, तो आप यूनिट के हिसाब से चार्ज तय कर सकते हैं.

इसके लिए दो विकल्प हैं:

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  • तय मासिक राशि (फिक्स अमाउंट)
  • यूनिट के अनुसार चार्ज (मीटर रीडिंग के आधार पर)

अगर आप पहले से यह बात स्पष्ट नहीं करेंगे, तो महीने के अंत में बिल को लेकर विवाद हो सकता है.

3. मेंटेनेंस चार्ज की जिम्मेदारी तय करें

आजकल ज्यादातर फ्लैट्स में सोसाइटी मेंटेनेंस चार्ज भी होता है. ये शुल्क सफाई, सुरक्षा, लिफ्ट और पार्किंग जैसी सुविधाओं के लिए लिया जाता है. अगर आप फ्लैट किराए पर दे रहे हैं, तो पहले ही किराएदार से मेंटेनेंस चार्ज को लेकर सहमति बना लें.

कई बार किराएदार किराया तो देता है लेकिन मेंटेनेंस देने से मना कर देता है. इससे आपके ऊपर बोझ आ सकता है.

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4. इन्वेन्टरीज की लिस्ट तैयार करें

अगर आप फर्निश्ड या सेमी-फर्निश्ड मकान किराए पर दे रहे हैं, तो ये तय कर लें कि कौन-कौन सी वस्तुएं (Inventory) किराएदार को दी जा रही हैं. जैसे:

  • पंखे
  • लाइट
  • गीजर
  • एसी
  • किचन टूल्स या अन्य सामान

इन सबकी एक लिस्ट बनाकर रेंट एग्रीमेंट में शामिल करें ताकि घर खाली करते समय कोई विवाद न हो.

5. किराएदार का पुलिस वेरिफिकेशन करवाएं

यह सबसे जरूरी कदम है जिसे अक्सर मकान मालिक नजरअंदाज कर देते हैं. किसी भी अंजान व्यक्ति को घर देने से पहले उसका पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य है. इसके लिए:

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  • किराएदार का आधार कार्ड या आईडी प्रूफ लें
  • नजदीकी पुलिस स्टेशन में वेरिफिकेशन फॉर्म जमा करें
  • पुलिस द्वारा पुष्टि होने के बाद ही घर दें

अगर आप पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराते हैं, तो किसी आपराधिक घटना में मकान मालिक को भी दोषी ठहराया जा सकता है और जुर्माना या सजा हो सकती है.

6. कोर्ट केस या आपराधिक रिकॉर्ड की जांच करें

अक्सर किराएदार अपने खिलाफ चल रहे कोर्ट केस या पुलिस केस की जानकारी नहीं देते. इसलिए जरूरी है कि आप या आपके वकील की मदद से जांच करें कि किराएदार के खिलाफ कोई केस तो नहीं चल रहा. अगर कोई संदेह हो तो पुलिस से संपर्क कर सकते हैं या स्थानीय स्रोतों से जानकारी जुटा सकते हैं.

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